राजनाथ ने सुरक्षा बलों को दी सलाह- कश्‍मीरी युवाओं के साथ अपराधियों जैसा सलूक न किया जाए

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों से कहा गया है कि जिन युवाओं ने संभवत: कुछ गलतियां की हों उनके साथ अपराधियों की तरह नहीं, बल्कि किशोर कानून के तहत व्यवहार किया जाए। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों से कहा गया है कि वे कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते समय अत्यधिक बल प्रयोग न करें। राजनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे कुछ लोगों के हाथों में न खेलें और पत्थरबाजी से दूर रहें। युवाओं के भविष्य को लेकर प्रधानमंत्री सहित हम सभी चिंतित हैं।’’

गृहमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के लोग अपने कठिन परिश्रम से अपना भाग्य और भविष्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों ने बहुत सी पीढ़ियों को नष्ट कर दिया है तथा हम उन्हें एक और पीढ़ी को नष्ट नहीं करने देंगे। मैंने सुरक्षाबलों से कहा है कि जिन युवाओं ने कुछ गलतियां की हों उनसे किशोर कानून के तहत व्यवहार करें अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं करें । ’’ राजनाथ ने कहा, ‘‘हालांकि हम आतंकवादियों तथा उनकी गतिविधियों के खिलाफ अपना जवाब देने में दृढ़ रहेंगे।’’

जम्मू-कश्मीर की चार दिवसीय यात्रा पर आये सिंह ने आज संवाददाताओं से कहा कि राज्य के हालात में काफी सुधार हुआ है और वह कश्मीर समस्या के पुराने विवादित पहलुओं के समाधान के लिये किसी भी व्यक्ति से मिलने के लिये तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति का वृक्ष सूखा नहीं है। कश्मीर मुद्दे का स्थाई सामाधान पांच सी (सहानुभूति, संवाद, सहअस्तित्व, विश्वास बहाली और स्थिरता) पर आधारित है।

उन्होंने कहा, ‘‘यहां तमाम शिष्टमंडलों से मिलने और बैठकों के बाद, मैं समझता हूं कि कश्मीर में हालात काफी सुधरे हैं। मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि अब सबकुछ बिल्कुल ठीक है, लेकिन यह बात मैं दृढ़ विश्वास से कह सकता हूं हालात सुधर रहे हैं।’’ गृह मंत्री ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ बातचीत की है और वह सेना के जवानों से भी मिलेंगे।

यह पूछने पर कि क्या सरकार अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हूं जो कश्मीर की समस्या सुलझाने में हमारी मदद करने को इच्छुक है। इसमें बातचीत के लिये औपचारिक या अनौपचारिक न्योता देने का कोई प्रश्न ही नहीं है। जो बात करना चाहते हैं, वह स्वयं आगे आयें। मैं हमेशा खुले मन के साथ यहां आता हूं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार शांति बहाली से जुड़े ऐसे किसी पक्षकार को बातचीत की प्रक्रिया बाहर नहीं रखना चाहती, जिनके साथ बातचीत की जानी चाहिए। सिंह ने पाकिस्तान से राज्य में आतंकवादियों की घुसबैठ बंद करने को भी कहा जिससे गरिमामय तरीके से शांति बहाली सुनिश्चित हो सके।

गृह मंत्री ने कहा कि ‘‘एएसआई अब्दुल रशीद को आज श्रद्धांजलि अर्पित करते समय मैंने एक बार फिर उनकी बेटी जोहरा की तस्वीर देखी, मैं उस बच्ची का चेहरा भूल नहीं सकता हूं। हम कश्मीर के प्रत्येक नौजवान के चेहरे पर मुस्कुराहट और खुशी देखना चाहते हैं और इस दिशा में हमारी कोशिशें जारी रहेंगी।’’ रशीद हाल ही में आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों की एक मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हो गये थे, बाद में उनका निधन हो गया।

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