Ram Rahim Singh Case LIVE UPDATE: सजा सुन बलात्कारी बाबा ने बनाया बीमारी का बहाना, मेडिकल टेस्ट में पाया गया फिट

बलात्कारी बाबा राम रहीम को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 10 साल की कैद सुनाई है। रोहतक के सुनेरिया जेल में बने स्पेशल कोर्ट में जज गुरदीप सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद ये सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद बलात्कारी बाबा कोर्ट रूम में फर्श पर बैठकर जोर-जोर से रोने लगा। इससे पहले बाबा ने कोर्ट रूम में जज साहब से रो-रोकर, हाथ जोड़कर रहम की अपील की। राम रहीम के वकील ने जज से गुजारिश की कि राम रहीम समाजसेवी हैं, इसलिए उन्हें माफी दी जाय। बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट को यह भी दलील दी कि बाबा ने स्वास्थ्य शिविर लगवाए, रक्त दान कैम्प लगवाए हैं। इस पर जज ने कहा, लगवाए होंगे और किए होंगे सामाजिक काम लेकिन उन्होंने बलात्कार भी किया है, इसलिए उन्हें सजा भी मिलेगी। सजा दिए जाने के बाद बाबा ने बीमारी का बहाना किया लेकिन उसकी दाल नहीं गली। जेल में बने कोर्टरूम में ही मेडिकल टीम ने राम रहीम का चेकअप किया और उसे मेडिकली फिट पाया। इसके बाद उसे कोर्ट रूम से बाहर ले आया गया है और जेल के उसी बैरक में पहुंचा दिया गया, जहां पिछले दो दिनों से वो बंद है।

आईपीसी की तीन धाराओं 576, 509 और 511 के तहत दोषी बाबा को पहले में 10 दूसरे में एक और दो साल यानी कुल 13 साल की सजा सुनाई गई है लेकिन ये सभी सजा एक साथ चलेगी। इसके अलावा बाबा पर 65 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जज ने हेलीकॉप्टर में बाबा की बेटी हनीप्रीत को साथ लाने पर फटकार लगाई साथ ही दो सूटकेस लाने पर भी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद कोर्ट ने जेल से बाबा के दोनों सूटकेस मंगवाकर बाबा के वकील को दे दिए।

इससे पहले जज ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया। सीबीआई के वकील ने मामले में अधिकतम सजा देने की मांग करते हुए राम रहीम को उम्रकैद देने की मांग की थी।  बता दें कि जज इस केस में फैसला सुनाने के लिए पंचकूला से रोहतक विशेष हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे। इधर, बाबा को सजा सुनाए जाने से नाराज उसके समर्थकों ने सिरसा के फुल्का में दो गाड़ियां फूंक दी है।

जेल के बाहर और पूरे रोहतक में सुरक्षा के चौक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। चप्पे-चप्पे पर पुलिस और पारा मिलिट्री के जवानों को तैनात किया गया है। शुक्रवार (25 अगस्त) को पंचकूला में इसी कोर्ट ने एक  साध्वी से बलात्कार करने के आरोप में राम रहीम को दोषी करार दिया था। पीड़ित साध्वी ने साल 2002 में चिट्ठी लिखकर अपने साथ हुई वारदात की जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस को दी थी। उसके पत्र पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी।

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