राम रहीम को ‘अंडरग्राउंड’ करने की तैयारी, बदलेगी जेल!
नई दिल्ली
दो साध्वियों से रेप के दोषी गुरमीत राम रहीम को अब हरियाणा सरकार ‘अंडरग्राउंड’ रखना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक, डेरा चीफ को सजा होने के बाद फैले तनाव को देखते हुए सरकार चाहती है कि राम रहीम से जुड़ी जानकारियां गुप्त रहें। इसलिए उन्हें कहां रखा जाएगा, इसकी जानकारी गुप्त रखी जाएगी। यह भी मुमकिन है कि राम रहीम की सुरक्षा के मद्देनजर कुछ दिनों में उन्हें रातोंरात रोहतक से किसी अन्य जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
मामला में सीधे तौर पर सरकार की दिलचस्पी को देखते हुए कोई ऑफिसर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। बता दें कि रोहतक रेंज के आईजी नवदीप सिंह विर्क ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुरमीत के रोहतक से शिफ्ट होने के संकेत दिए थे। उधर, बुधवार शाम चंडीगढ़ में जेल प्रशासन से जुड़े शीर्ष अधिकारी और गृह सचिव के बीच एक घंटे बैठक हुई है। इसमें रोहतक जेल और गुरमीत की सुरक्षा को लेकर चर्चा की गई। सूत्रों की मानें तो इसी बैठक में गुरमीत को दूसरी जेल और अंडरग्राउंड रखने का सुझाव दिया गया। इस पर शीर्ष अधिकारियों ने सहमति जताई है। हालांकि, हरियाणा डीजी जेल केपी सिंह ने इसकी पुष्टि नहीं की। उन्होंने कहा कि बैठक में परिजनों से मिलने और सुरक्षा पर फैसला लिया गया है। गुरमीत के परिजन हफ्ते में एक बार मिल सकते हैं।
खुफिया सूत्रों ने दावा किया कि कुछ दिनों में मामला ठंडा होने के बाद गुरमीत को रोहतक से दूसरी जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा। ऐसे में सवाल आ रहा है कि किस जेल में भेजा जाएगा? इस पर सूत्र कहते हैं कि अंबाला में डेरे के अनुयायियों की तादाद बहुत ज्यादा है। हिसार स्थित सेंट्रल वन जेल में पहले से रामपाल और उसके अनुयायी हैं। ऐसे में संभव है कि रोहतक से हटाकर गुरमीत को झज्जर या सोनीपत जेल में रखा जाए।
तिहाड़ के लिए सुप्रीम कोर्ट आने की तैयारी
बताया जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम ने देश की राजधानी दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में शिफ्ट होने की मांग की है। इस पर उनके वकील सुप्रीम कोर्ट से इसकी इजाजत लेने की तैयारी में हैं। सीआईडी के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि राज्य बदलने की वजह से ऐसे कैदियों को सुप्रीम कोर्ट से इजाजत लेना अनिवार्य है। कोर्ट में अगर कैदी के वकील सही तर्क देते हैं तो उसे तिहाड़ शिफ्ट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तिहाड़ शिफ्ट होने की एक वजह हरियाणा के बड़े राजनेता के वहां मौजूद होना है। इनके मुताबिक गुरमीत और नेता के संबंध अच्छे हैं, जिनका फायदा गुरमीत को मिल सकता है।