मुस्लिम धर्मगुरु बनने पर पैसा नहीं मिलता इसलिए आसिफ मोहम्मद बना रेप केस में गिरफ्तार आशु महाराज
दिल्ली में मां-बेटी से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार आसिफ मोहम्मद खान से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की। इस दौरान उसने पुलिस को यह भी बताया कि लोगों को अंधविश्वास के जाल में फंसाने के लिए आखिर उसने नाम बदला। नवभारत टाइम्स में छपी रिपोर्ट के अनुसार, पूछताछ में खान ने कहा, ”मुस्लिम धर्मगुरु बनने पर मुझे इतना पैसा नहीं मिलता जितना हिंदू धर्मगुरु बनने पर। इसके लिए मुझे केवल आसिफ से आशु महाराज ही तो बनना था। ऐसा करते ही मेरा धंधा चल निकला। मेरे दरबार में अंधविश्वासी लोग नोटों की थैली लेकर माथा टेकने लगे।”
क्राइम ब्रांच ने आरोपी के दस्तावेजों की जांच की तो पता चला कि उसने पासपोर्ट, आधार और वोटर आईडी समेत तमाम कागज आसिफ खान के नाम से ही बनवा रखे हैं। पुलिस को आसिफ ने बताया कि ‘मुस्लिम समुदाय के लोग धर्म के नाम पर इतना पैसा नहीं खर्च करते हैं, जितना हिंदू। इन्हें जरा सा डराने की जरूरत होती है। अगर आपकी सलाह से एक को भी आराम मिलना शुरू हो गया तो इनकी जेबें अपने आप ढीली होने लगती हैं।’
आसिफ ने गुवाहाटी से कुंडली देखने की कला सीखी थी। तभी से वह लोगों का भविष्य बांचने लगा था। क्राइम ब्रांच को आसिफ ने बताया कि उसे गुवाहाटी में में यह कला सीखने के बाद समझ आया कि धर्म के नाम पर कैसे लोगों को उंगलियों पर नचाया जा सकता है। पहले वह वजीरपुर जेजे कॉलोनी में रहता था, अभी वह हौज खास में आश्रम खोल बैठा हुआ था। शोहरत और पैसा आया तो आसिफ ने परिवार से दूरी बढ़ा ली।
पुलिस के अनुसार, जब ‘आशु महाराज’ के खिलाफ रेप की शिकायत हुई तो वह डर गया था। वह सोचता था कि कहीं पब्लिक उसे पकड़कर जान से न मार दे। इसी वजह से वह गाजियाबाद के एक अपार्टमेंट में जाकर छिप गया था, जहां से उसे एक इंस्पेक्टर ने गिरफ्तार किया। आसिफ 10वीं फेल हैं मगर हिंदी पर अच्छी पकड़ है, अंग्रेजी भी ठीक-ठाक बोल लेता है। पुलिस ने उसके मोबाइल, लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को फोरेंसिक लैब भेजा है।