मंदसौर खुलासा: शराब पीकर 2 घंटे तक बच्ची के साथ किय था गैंगरेप, धारदार हथियार से किया था हमला

मंदसौर की रेप पीड़िता बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए पूरे देश में एक साथ आवाज उठ रही है। जनप्रतिनिधि भी दरिंदे को सरेआम फांसी देने की मांग कर रहे हैं। विधायक उषा गुप्ता ने कहा कि ऐसे दरिंदे को चौराहे पर फांसी देनी चाहिए। इस बीच इस गैंगरेप की इस घटना के दूसरे आरोपी आसिफ को भी पुलिस ने शुक्रवार (29जून) को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी की गिरफ्तारी के बाद जो सच सामने आया है वो काफी भयावह है। पुलिस के मुताबिक आरोपी इरफान का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जांच अधिकारी ने कहा कि 24 साल का आसिफ और 20 साल का इरफान शराब के आदी थे। दोनों शराब पीते और स्थानीय पार्क में महिलाओं पर फब्तियां कसते। इस बार उन्होंने ऐसी बच्ची को शिकार बनाने की सोची जो शारीरिक रूप से कमजोर हो और विरोध ना सके। इन दरिंदों ने वारदात की प्लानिंग की और बच्ची की स्कूल के सामने मंडराते रहे। 27 जून की शाम को इन्होंने इन घृणित हरकत को अंजाम देने की सोची।

मंदसौर एसपी मनोज सिंह ने कहा कि आसिफ नारंगी रंग की शर्ट पहने हुए था, उसे एक दूसरे बच्चे ने देखा था। एक सीसीटीवी फुटेज में इनफान नीले रंग का शर्ट पहने हुआ है। पुलिस के मुताबिक शाम को आसिफ स्कूल की गेट के आस-पास मंडराने लगा। जैसे ही उसे पीड़ित बच्ची दिखी उसने उसे चॉकलेट और बिस्किट दिया। इस दरिंदे ने कहा कि अगर वह उसके साथ चलेगी तो उसे और भी चीजें मिलेगी। इसके बाद बच्ची आसिफ के साथ चली गई। एक सुनसान जगह ले जाकर आसिफ ने बच्ची को इरफान को सौंप दिया। यहां पर इन दोनों दरिंदों ने 2 घंटे तक उसके साथ गैंगरेप किया।

बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर उसका जख्म देखकर हैरान हैं। एमवायएच में बच्ची का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने कि आरोपी ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। इसके साथ ही, उसके नाजुक अंगों को भीषण चोट पहुंचायी थी जिसे मेडिकल जुबान में “फोर्थ डिग्री पेरिनियल टियर” कहते हैं। उन्होंने बताया कि यौन हमले में बच्ची के बुरी तरह क्षतिग्रस्त नाजुक अंगों को दुरुस्त करने के लिये उसकी अलग-अलग सर्जरी की गयी हैं। कॉलोस्टोमी के जरिये उसके मल विसर्जन के लिये अस्थायी तौर पर अलग रास्ता बनाया गया है, जबकि एक अन्य ऑपरेशन के दौरान उसके दूसरे नाजुक अंग की शल्य चिकित्सा के जरिये मरम्मत की गयी है।

इस बीच वार्ड में भर्ती बच्ची परेशान है। मासूम समझ नहीं पा रही कि उसके साथ क्या हुआ है। और मां-मां कहकर बीच बीच में चिहक उठती है। बच्ची आंखों ही आंखों में मां से पूछती है कि उसे यहां क्यों रखा गया है। वार्ड में बार बार नेताओं के पहुंचने की वजह से भी बच्ची परेशान हैं। वह समझ नहीं पा रही है लोग उसे देखने क्यों आए हैं। इधर डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत में सुधार तो हो रहा है लेकिन उसे पूरा ठीक होने में एक से डेढ़ महीने लग सकते हैं।

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