टाटा ने इजराइली पुलिस को दिया बयान- नेतन्याहू को कथित रूप से घूस देने का मामला
इजराइली मीडिया की रपटों के अनुसार भारत के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में इजराइल की पुलिस के समक्ष बयान दिया है। हालांकि टाटा के कार्यालय ने इन खबरों को ‘तथ्यों से परे’ बताया है। द टाइम्स आॅफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू को कथित तौर पर लाखों शेकेल (इजरायली मुद्रा) के महंगे उपहार दिए जाने के मामले में रतन टाटा ने पुलिस के समक्ष दो घंटे तक अपना बयान दर्ज कराया। नेतन्याहू के खिलाफ इस मामले को ‘केस 1000’ नाम दिया गया है। इसमें इजराइल के एक उद्योगपति और हॉलीवुड निर्माता आर्नन मिल्कन का नाम भी लिया जा रहा है। मीडिया चैनल 10 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मिल्कन ने रतन टाटा से विचार विमर्श करके नेतन्याहू को जॉर्डन-इजराइल सीमा के पास एक मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के लिए कहा था। हालांकि इस पर कभी अमल नहीं किया गया।
द टाइम्स आॅफ इजरायल के अलावा टाटा से पूछताछ की रिपोर्ट हिब्रू लैंग्वेज मीडिया और पोर्टल एनएएनए डॉट सीओ डॉट आईएल ने भी प्रकाशित की है। हालांकि इजराइल पुलिस के बाकी पेज 8 पर राष्ट्रीय प्रवक्ता मिकी रोसेनफील्ड ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है। टाटा के कार्यालय ने एजंसी को भेजे भेजे ईमेल में इजराइली अधिकारियों के साथ उनकी मुलाकात का खंडन नहीं किया। लेकिन उसने कहा कि इजरायली मीडिया में चल रही रिपोर्टें तथ्यों से परे हैं और लगता है कि इनके पीछे कोई और मंशा है। बयान में कहा गया है कि ‘नेतन्याहू का टाटा बड़ा सम्मान करते हैं और उन्हें एक आदरणीय मित्र मानते हैं। ऐसे आरोप निराधार हैं और इनके पीछे कोई गहरी मंशा लगती है।’ बयान में कहा गया है कि इजराइल में 31 अक्तूबर और 1 नवंबर को आयोजित ‘स्मार्ट आवागमन व्यवस्था और र्इंधन के विकल्प पर’ आयोजित सम्मेलन से पहले इजराइली मीडिया के कुछ हलकों ने खबर प्रकाशित की कि सम्मेलन के दौरान टाटा देश में रहेंगे और जांच टीम इस मामले में उनसे पूछताछ कर सकती है।
बयान में यह भी कहा गया है कि टाटा को यात्रा कार्यक्रम रद्द करने की सलाह दी गई थी पर वे योजना के अनुसार तेल अवीब में हुए सम्मेलन में शामिल हुए। इस बयान के अनुसार दो आदमी टाटा से एक नवंबर को साढ़े तीन बजे डेविड इंटरनेशनल में मिले थे। हो सकता है कि वे जांच एजंसियों के लोग रहे हों। इस बैठक में उनकी ओर से काई पहचान नहीं बताई गई थी। उन्होंने टाटा से पूछा था कि वे मिल्कन से कैसे मिले थे और उनका उनसे क्या व्यावसायिक संबंध है।
टाटा ने बताया कि उनकी मुलाकात कैसे हुई थी और यह भी स्पष्ट किया कि 26/11 के आतंकी हमले के बाद टाटा समूह के होटलों के लिए अनुबंधित एक सुरक्षा सलाहकार कंपनी के ग्राहक के अलावा उनका कोई और संबंध नहीं था। बाद में टाटा समूह को बताया गया कि उस कंपनी के साथ मिल्कान के कुछ हित जुड़े हैं। टाटा से इजराइल में एक छोटा वाहन कारखाना लगाने की 2009 की योजना से जुड़ी घटनाओं को भी याद करने को कहा गया।