आरबीआई गवर्नर उर्ज‍ित पटेल की हुई पेशी, सम‍ित‍ि ने पूछे नोटबंदी से जुड़े सवाल

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार (12 मई) को वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाले संसदीय स्थायी समिति के सामने पेश हुए। इस दौरान स्थायी समिति ने उर्जित पटेल से बैंकों के बढ़ते एनपीए और नोटबंदी के बाद बैंकों में वापस आए नोटों के आंकड़ों सहित कई मुद्दों पर सवाल पूछे हैं। बता दें कि विपक्ष नोटबंदी को बड़ा घोटाला करार दे चुका है।  लेकिन रिजर्व बैंक और सरकार ने लगातार इस बात से इंकार किया है कि नोटबंंदी से देश में किसी किस्‍म का नकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है।

समिति के सदस्यों ने आरबीआई गवर्नर से पूछा कि घोटाले के बारे में कैसे पता नहीं चला। साथ ही समिति ने बैंकों में बढ़ते एनपीए पर भी चर्चा की। इस पर पटेल ने स्थायी समिति को बताया कि बैंकिंग क्षेत्र के एनपीए संकट को हल करने के लिए उपाय शुरू किए गए हैं। उर्जित पटेल पहली बार संसदीय समिति के सामने पेश नहीं हुए हैं। इससे पहले भी उन्हें कई बार समिति के सवालों का सामना करना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि इन्हीं मुद्दों पर चर्चा करने के लिए समिति ने उर्जित पटेल को 17 मई को अपने समक्ष पेश होने के लिए कहा था।

गौरतलब है कि 8 नवंबर, वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एकाएक नोटबंदी की घोषणा कर दी थी। पीएन ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद किए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद ही इस संसदीय समिति का गठन किया गया था। सूत्रों की मानें तो रिजर्व बैंक के गर्वनर उर्जित पटेल को पूछताछ के लिए बुलाने का फैसला अप्रैल में हुई कमिटी की मीटिंग में लिया गया था। इस मीटिंग में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वीरप्पा मोइली के अलावा कई अन्य सांसदों ने भी हिस्सा लिया था। बता दें कि बीते कुछ वक्त में लगातार सामने आए बैंकिंग घोटालों से सरकार दबाव में थी। इन बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक समेत अन्य कई बैंक शामिल थे।

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