घर और कार की ईएमआई नहीं होगी सस्ती, रिजर्व बैंक ने नहीं बदली ब्याज दरें

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। मतलब आपके घर, कार या दूसरे लोन की ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा, ईएमआई जितनी पहले जाती थी उतनी ही जाती रहेगी। फाइनैंशल ईयर 2018-19 में हुई मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेपो रेट 6 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी पर बरकरार रखा है। इसके अलावा नकद आरक्षित अनुपात (कैश रिजर्व रेश्यो) भी 4 फीसदी ही रखा गया है। आरबीआई के इस कदम के बाद अब सस्ते कर्ज की उम्मीद नहीं है।

जनवरी और फरवरी में खुदरा महंगाई में हुई 0.77 फीसदी की कमी के बाद अनुमान लगाया जा रहा था कि ब्याज दरों में फिलहाल शायद ही कोई बढ़ोतरी हो। वहीं, महंगाई के मुद्दे पर आरबीआई ने सरकार के लिए अच्छे संकेत दिए हैं। आरबीआई के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 की पहली छमाही में महंगाई दर 4.7-5.1 फीसदी रह सकती है। इससे पहले RBI ने यह दर 5.1 से 5.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। उसके मुताबिक वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही में महंगाई दर 4.4 प्रतिशत रह सकती है। इससे पहले वित्त वर्ष 2019 की दूसरी छमाही के लिए महंगाई दर 4.5 से 4.6 प्रतिशत रहने की बात कही गई थी।

इसके अलावा सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की बात करें तो आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2019 में जीडीपी की विकास दर 7.4 प्रतिशत रह सकती है। हालांकि केंद्रीय बैंक ने वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव और अमेरिका-चीन के बीच व्यापार युद्ध को लेकर चिंता जताई है। साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में होने वाले बदलावों से भी अनिश्चितता का माहौल बने रहने की बात कही गई है।

क्या है रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट: रेपो रेट वह दर होती है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है। इसी कर्ज से बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। अगर रेपो रेट कम होता है तो इसका मतलब है कि बैंक से मिलने वाले सभी प्रकार के लोन सस्ते हो जाएंगे। वहीं, बैंकों को जिस दर पर आरबीआई में पैसा जमा कराने पर ब्याज मिलता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।

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