जानलेवा ऐड्स को दी शिकस्त, मिस्टर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी झंडे गाड़ चुके हैं बॉडीबिल्डर प्रदीप कुमार

प्रदीपकुमार सिंह को HIV AIDS है। वह एक ड्रग एडिक्ट थे और पहले से इस्तेमाल की गई एक सिरेंज यूज करने की वजह से वह इस खतरनाक बीमारी के शिकार बन गए। लेकिन प्रदीपकुमार की पहचान आज सिर्फ एक एड्स के मरीज की नहीं है। वह इस बीमारी का शिकार जरूर बनें लेकिन उन्होंने इसे अपनी कामयाबी के रास्ते के बीच कभी नहीं आने दिया। प्रदीपकुमार आज एक कामयाब बॉडीबिल्डर हैं। 1 दिसंबर का दिन ‘वर्ल्ड एड्स डे’ का दिन है और इस मौके पर हम आपके लिए लेकर आए हैं प्रदीपकुमार के संघर्ष की कहानी जो हम सब के लिए प्रेरणा की अनोखी मिसाल है। (Source: Social Media)
इंसान में अगर जज्बा है और वह सच में कुछ हासिल करना चाहता है तो कोई मुश्किल उसका रास्ता नहीं रोक सकती, यह प्रदीपकुमार ने साबित कर दिया है। साल 2000 में प्रदीपकुमार को पता चला की एचआईवी पोजिटिव हैं। प्रदीप के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था लेकिन वह तय कर चुके थे कि वह महज एक एड्स विक्टिम बनकर नहीं रहेंगे। सिंह ने इस चुनौती को कुबूल किया और 2003 में वर्कआउट की तैयारी शुरू कर दी। उनकी सेहत में सुधार होता रहा और फिर उन्होंने जिम जाना शुरू किया। (Source: Social Media)
वर्कआउट को लेकर उनके डॉक्टर ने उन्हें चेतावनी दी कि वह हेवी वर्कआउट न करें लेकिन प्रदीप ने उनकी सलाह नहीं मानी। प्रदीपकुमार की दो-तीन सालों की मेहनत रंग लाई और आखिरकार साल 2006 में वो दिन भी आ गया जब उन्होंने “मिस्टर मणिपुर” कम्पीटिशन में हिस्सा लिया और 60 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीता। (Source: Social Media)
बॉडीबिल्डिर होने के अलावा प्रदीपकुमार अब HIV AIDS को लेकर जागरुक्ता फैलाने का काम भी करते हैं। वह मणिपुर स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के ब्रांड एम्बैसेडर भी रहे। पत्रकार जयंत कलीता ने उनके संघर्ष पर एक किताब भी लिखी है जिसका नाम है ‘I am HIV positive, so what?’ (Source: Social Media)