केंद्रीय मंत्रालय ने अपनी प्रेस रिलीज में यौन उत्पीड़न की शिकार युवती का नाम उजागर कर की बड़ी चूक

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के मंत्रालय से बड़ी चूक हो गई। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अपनी प्रेस रिलीज में यौन उत्पीड़न की शिकार एक युवती का नाम उजागर कर दिया। यौन उत्पीड़न के लिए बने कानून के मुताबिक पीड़िता का नाम उजागर नहीं किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता एयर इंडिया में बतौर एयर होस्टेस काम करती है और अपनी शिकायत लेकर मेनका गांधी से मिलने आई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया कि एयरलाइंस के एक सीनियर एक्जिक्युटिव के द्वारा पिछले 6 महीनों से उसका यौन उत्पीड़न हो रहा है। हालांकि बाद में मंत्रालय ने प्रेस नोट में हुई गलती को सुधारते हुए दोबारा से इसे जारी किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़िता पिछले महीने के आखिर से केंद्रीय उड्डयन मंत्री केंद्रीय सुरेश प्रभु और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखती रही है, जिनमें आरोप लगाया है कि पिछले साल उसकी शिकायत के चलते गठित हुई आंतरिक शिकायत समिति कथित तौर पर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

यौन उत्पीड़न मामले के मानदंडों के हिसाब से इसे पूर्ण उल्लंघन के रूप में देखा जा सकता है कि केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी से मुलाकात के बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने प्रेस नोट में यौन उत्पीड़न के शिकार युवती का नाम जारी कर दिया। पीड़िता ने मेनका गांधी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करने की अनिच्छा जताई और आग्रह किया कि उसकी फोटों न खींची जाएं। मंत्रालय की तरफ से सोमवार (4 जून) को 12.42 बजे जारी किए गए प्रेस नोट में कहा गया- ”मिस XYZ (हमने पीड़िता के नाम को नहीं छापा है), जो कि एयर इंडिया में काम करती हैं महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका संजय गांधी से कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 के तहत उसकी शिकायत के बारे में मिलीं।”

बयान में आगे कहा गया- ”मंत्री महोदया ने नागरिक उड्डयन मंत्री के साथ मामला उठाया है। मंत्री ने एयर इंडिया की आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्ष से बात की है और निर्देश दिया है कि जून 2018 के भीतर जांच पूरी की जाए।”

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