इस गाने को गाते वक्त मोहम्मद रफी के मुंह से आ गया था खून, एक अपराधी ने इसे फांसी से पहले आख़िरी इच्छा के रूप मे सुना था

भारत के महान गायक मोहम्मद रफी की 93वीं जयंती पर आज गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपनी गायकी से लोगों के दिलों पर राज करने वाले रफी 24 दिसंबर 1924 को पंजाब के अमृतसर जिले के मजिठा के पास कोटला सुल्तान सिंह गांव में जन्मे थे। तीन दशक के करियर में उन्होंने अनगिनत हिट गाने दिए। कव्वाली, सूफी, भक्ति, रोमांटिक और इमोशनल गानों में रफी का कोई सानी नहीं था। रफी साहब जिस स्केल पर आराम से गाते थे, उस पर कई गायकों को चीखना पड़ेगा। लेकिन क्या आज जानते हैं कि एक गाना एेसा भी था, जिसे गाते-गाते रफी के मुंह से खून आ गया था। यह गाना था फिल्म ”बैजू बावरा” का ‘ओ दुनिया के रखवाले’। इस गाने के लिए रफी ने 15 दिन रियाज किया था। लेकिन गाने के बाद उनकी आवाज बुरी तरह टूट गई और लोगों का कहना शुरू कर दिया कि वह अपनी आवाज दोबारा हासिल नहीं कर पाएंगे। लेकिन एेसा नहीं हुआ और कुछ वर्षों बाद उन्होंने फिर यह इस गाने को रिकॉर्ड किया और पहले से भी ऊंचे स्केल पर गाया, वह भी बिना किसी परेशानी के।

इस गीत से जुड़ा है दिलचस्प किस्सा: संगीतकार नौशाद मोहम्मद रफी के बारे में एक किस्सा बताते थे। एक बार किसी अपराधी को फांसी दी जा रही थी। जब उससे आखिरी इच्छा पूछी गई तो उसने न तो किसी खास खाने की फरमाइश की और न ही अपने परिवार से मिलने की। उसने कहा कि वह मरने से पहले रफी साहब का ‘ओ दुनिया के रखवाले’ गीत सुनना चाहता है। यह इच्छा सुनकर जेलकर्मी भी दंग रह गए। इसके बाद टेप रिकॉर्डर लाकर यह गाना बजाया गया था।
किशोर के लिए भी गाए गाने: मोहम्मद रफी और किशोर कुमार दोनों अलग ही मिजाज के गायक थे और समकालीन भी। मोहम्मद रफी ने गायकी सीखी थी और किशोर कुमार स्वाभाविक जीनियस थे। लेकिन 8 गाने एेसे भी थे, जिसमें किशोर कुमार की आवाज मोहम्मद रफी बने थे।

सुनिए मोहम्मद रफी के कुछ सुरीले गीत:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *