भूख हड़ताल पर अन्ना: सातवें दिन भी सुनवाई नहीं हुई तो भड़के गांववाले बोले- सामूहिक आत्मदाह करेंगे
लोकपाल और किसानों को फसल का उचित मूल्य मिलने सहित कई मांगों को लेकर समाजसेवी अन्ना हजारे दिल्ली के रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं। सात दिन से जारी अनशन के कारण उनकी हालत खराब हो गई है और वजन पांच किलो घट गया। इससे अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि के लोग बहुत चिंतित हैं और आक्रोशित भी। उन्होंने अनशन को गंभीरता से न लिए जाने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो वे सामूहिक आत्मदाह करेंगे। गांव में इस बाबत सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पास हुआ।
ग्राम सभा की ओर से पारित हुए प्रस्ताव के मुताबिक सभी सरकारी अधिकारियों का गांव में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहां तक कि पुलिस कर्मियों और जिला प्रशासन के स्टाफ को भी गांव खाली करने को कहा गया है। रालेगन सिद्धि गांव के लोगों ने कहा है कि यदि गुरुवार(29 मार्च) की रात तक मांगों को लेकर केंद्र की ओर से सकारात्मक फैसला नहीं हुआ तो सौ से अधिक ग्रामीण सामूहिक आत्मदाह करने को मजबूर होंगे।
लगातार सातवें दिन भूख हड़ताल पर बैठने के कारण अन्ना हजारे का शरीर कमजोर हो गया है। वे ब्लड प्रेशर की समस्या से भी जूझ रहे हैं। अन्ना हजारे के एक सहयोगी के मुताबिक भ्रष्टाचार विरोधी अनशन के छह दिनों के अंदर अन्ना का पांच किलो वजन कम हो गया। वहीं ब्लड प्रेशर की भी समस्या से जूझना पड़ रहा है। हजारे की प्रमुख मांगों में केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति और किसानों को फसलों की उचित मूल्य की मांग शामिल है। बता दें कि इससे पहले सोमवार(26 मार्च) को केंद्र सरकार के संदेशवाहक के रूप में महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन रामलीला मैदान पहुंचकर अन्ना हजारे से मुलाकात किए थे। उन्होंने कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने को लेकर गंभीर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र के जल संसाधन और चिकित्सा शिक्षा मंत्री महाजन ने बताया कि अन्ना हजार ने 11 प्रमुख मांगें रखीं हैं, जिसमें से सात से आठ मांगों पर सहमति बन गई है।