रॉकी का दाखिला रद्द हो: एबीवीपी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी से डूसू के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रॉकी तुसीर उर्फ रॉकी तुसीद के दाखिले को रद्द करने की मांग की। साथ ही प्रवेश घोटाले को लेकर बौद्ध अध्ययन विभाग और प्रवेश समिति में बैठे लोगों की उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की गई। हालांकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने एबीवीपी की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे हार की बौखलाहट बताया है। एबीवीपी की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय मीडिया संयोजक साकेत बहुगुणा ने डूसू अध्यक्ष रॉकी पर गलत तरीके से बौद्ध अध्ययन विभाग में प्रवेश लेने का आरोप लगाया। इस संबंध में उन्होंने कई सबूत भी पेश किए।
उनके मुताबिक रॉकी ने 2016 में बौद्ध अध्ययन विभाग में दाखिला लिया था और उनका विश्वविद्यालय का रोल नंबर 71533 था। उन्होंने बताया कि एमए प्रथम वर्ष के दूसरे सेमेस्ट में रॉकी की तीन विषयों में ईआर (अनिवार्य पुनरावृत्ति) आई थी। इसके बाद रॉकी ने 16 अगस्त 2017 को यहां से अपना प्रवेश रद्द करा लिया। इसके बाद उन्होंने फिर से बौद्ध अध्ययन विभाग में ही एमए प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया जबकि प्रवेश परीक्षा ‘..ए रॉकी तुशीर’ नाम से दी थी। साकेत ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि कोई एक नाम से प्रवेश परीक्षा दे और दूसरे नाम से प्रवेश ले। उन्होंने कहा कि यहां बड़ा ‘प्रवेश घोटाला’ हुआ है और कुलपति से मांग की है कि इस मामले की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित हो और बौद्ध अध्ययन विभाग के साथ साथ प्रवेश समिति के अधिकारियों की भी जांच हो।
इसे अलावा उन्होंने रॉकी पर अदालत में चल रहे एक गंभीर मामले के सबूत पेश किए। उन्होंने कहा कि लिंग्दोह समिति की सिफारिशों के मुताबिक जिस छात्र के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल हो गए हों वह व्यक्ति विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव नहीं लड़ सकता है। उन्होंने सवाल किया कि ऐसे में रॉकी को चुनाव कैसे लड़ाया गया? उन्होंने इस मामले में भी उच्चस्तरीय समिति गठित करने की मांग की और चुनाव समिति को जांच के दायरे में लाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि अगर इन मामलों में डीयू के कुलपति जल्द कोई कार्रवाई नहीं करते हैं तो हम विद्यार्थियों के बीच जाएंगे और बड़ा आंदोलन करेंगे।