10 मार्च को आरएसएस में बड़ा चुनाव, आरएसएस अपने नए सरकारवाह को चुनेगा।
देश का सबसे बड़ा गैर सरकारी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) जल्द ही अपने नए सरकारवाह को चुनेगा। चुनाव के लिए देशभर की 60 हजार शाखाओं के प्रमुखों को नागपुर बुलाया गया है। ऐसे में यह चुनाव बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहे हैं क्योंकि संघ को चलाने के लिए संघ प्रमुख को सरकारवाह की आवश्यकता रहती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि संघ में सरसंघचालक का रोल सलाहकार का होता है। संघ का महासचिव अनिवार्य रूप दुनिया के सबसे गैर-सरकारी संगठन का मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है।
ऐसे होता है सरकारवाह का चुनाव-
सरकारवाह के चुनाव के लिए आखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (ABPS) की 9 मार्च से 11 मार्च तक बैठक होगी। किसी भी मामले में निर्णय लेने के लिए यह संघ की सबसे बड़ी संस्था है। इस संस्था की मीटिंग हर साल मार्च के दूसरे और तीसरे सप्ताह में तीन दिन के लिए होती है। आमतौर पर यह मीटिंग मार्च के दूसरे या तीसरे रविवार से शुरू होती है। इस संस्था के करीब 1300 सदस्य है। इनमें से ज्यादातर सदस्य देशभर में संघ का प्रतिनिधित्व करते हैं। करीब 50 सक्रिय स्वयंसेवक प्रांतीय स्तर पर संघ का प्रतिनिधि करते हैं। ABPS से इसके अलावा संघ के दूसरे बड़े संगठनों के प्रमुखों को भी नामित किया जाता है।
सरकारवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने पिछले साल कोयम्बटूर में ABPS की बैठक में बताया कि संघ की शाखाएं देश के 59,136 स्थानों पर चल रही है। जहां रोजाना स्वयंसेवकों को शिक्षा दी जा रही है। सप्ताह में एक बार मीटिंग भी होती है और एक संघ मंडली का भी आयोजन किया जात है।
नागपुर में जरूर होगी ABPS की मीटिंग-
ABPS की मीटिंग जहां देशभर के शहरों में आयोजित की जाती है वहीं यह भी जरूरी है कि हर चौथी मीटिंग नागपुर में ही आयोजित की जाए। नागपुर की मीटिंग में ही सरकारवाह को चुना गया था। आरएसएस के संविधान के अनुसार सरकारवाह का चुनाव तीन साल के लिए होगा। चुनाव के बाद नए सरकारवाह अपनी नई टीम का गठन करेगा। वर्तमान सरकारवाह का कार्यकाल इस साल खत्म हो रहा है। आमतौर पर नए सरकारवाह का चुनाव तीन उप-सरकारवाह में से होता है। इस समय सरकारवाह के तीन सह-सरकारवाह सुरेश सोनी, डॉक्टर कृष्णा गोपाल औ दत्तात्रेय होसबोले हैं।
सोनी मध्य प्रदेश से आते हैं। पिछले वर्ष बीमारी के चलते वह संघ से दूर रहे हालांकि अब उनकी तबियत ठीक है। कृष्णा गोपाल उत्तर प्रदेश से आते हैं। वह भाजपा के प्रभारी भी है जबकि होसबोले कर्नाटक से आते हैं। होसबोले युवा अवस्था में ही संघ से जुड़ गए और भाजपा की छात्र ईकाई आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के लिए काम किया।
हालांकि जो लोग संघ को अंदर से जानते हैं उनका कहना है कि जरूरी नहीं सह-सरकारवाह में से ही नए सरकारवाह का चुनाव किया जाए। यह भी संभव है कि जोशी को ही दोबारा यह जिम्मेदारी दे दी जाए। लेकिन माना जा रहा है कि उनका चुनाव अब नहीं होगा। इसकी वजह एक यह भी बताई जा रही है कि जोशी पहले ही तीन बार सरकारवाह का कार्यभार संभाल चुके हैं। आमतौर पर ABVP मीटिंग में दूसरे दिन यानी (इस बार 10 मार्च) को नए सरकारवाह का चयन होता है।