आरएसएस के दशहरा उत्सव में मुस्लिम बना मुख्य अतिथि, 92 साल में पहली बार संघ ने किया ऐसा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस साल अपने मुख्यालय नागपुर में होने वाले दशहरा पूजा में एक मुस्लिम को मुख्य अतिथि बनाया है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस ने एक प्रसिद्ध होमियोपैथी चिकित्सक को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाकर पहली किसी मुस्लिम को ये सम्मान दिया है। आरएसएस दशहरा (विजयादशमी) के दिन अपना स्थापना दिवस मनाता है। 1925 में केशव बलिराम हेडगेवार ने विजयादशमी के दिन ही आरएसएस की स्थापना की थी। दशहरे पर आरएसएस हर साल शस्त्र पूजा भी करता है।
माना जा रहा है कि आरएसएस ने बोहरा समुदाय के मुनव्वर यूसुफ को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाकर मुसलमानों में अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यूसुफ और उनके चाचा का आरएसएस के प्रचारकों से पुराना संबंध रहा है। रविवार (एक अक्टूबर) को संग चार अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। हर कार्यक्रम में करीब 600 बच्चे शामिल होंगे। रिपोर्ट के अनुसार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने इसी साल अप्रैल में बोहरा समुदाय के नेता सैयदाना मुफद्दल से उनके मुंबई स्थिति आवास पर मुलाकात की थी। सैयदाना इससे पहले नरेंद्र मोदी सरकार के मेक इन इंडिया और स्वच्छ भारत अभियान की तारीफ कर चुके हैं।
आरएसएस प्रमुख हर साल विजयादशमी उत्सव पर सभी स्वयंसेवकों को संबोधित भी करते हैं। साल 2014 में केंद्र में बीजेपी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार आने के बाद मीडिया ने आरएसएस प्रमुख के दशहरा उत्सव को पहले से ज्यादा तवज्जो देना शुरू किया। कुछ चैनलों ने आरएसएस प्रमुख के दशहरा संबोधन का सीधा प्रसारण भी किया।
सोमवार (25 सितंबर) को आरएसएस के प्रमुख विचारक और भारतीय जन संघ के अध्यक्ष रहे दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। इसी दिन बीजेपी के सभी पदाधिकारी, सांसद और विधायक दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी अभी से साल 2019 के लोक सभा चुनाव की तैयारी शुरू कर चुकी है।