RTI में खुलासा: लुटियंस जोन के बंगलों पर भाजपा और कांग्रेस का कब्जा
देश की राजधानी नई दिल्ली का सबसे पॉश इलाका माने जाने वाले लुटियंस जोन में सरकारी बंगलों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस का कब्जा है। 25 किलोमीटर के आस-पास फैले इस जोन में बंगले आवंटित किए जाने के दौरान मानकों का सही तरीके से पालन नहीं किया जाता। यह हैरान करने वाली जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत सामने आई है। आरटीआई के जवाब दर्शाते हैं कि राजनीतिक दलों को बंगले आवंटित किए जाने के दौरान किसी प्रकार की समान किराया नीति भी नहीं अपनाई जाती है।
नियमानुसार दिल्ली में हर पार्टी को दफ्तर चलाने के लिए तीन साल के लिए सरकारी जमीन मिलती है, मगर इसके बाद उस दल को दफ्तर की जगह कहीं और स्थानांतरित करनी पड़ती है। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन बंगलों के लिए सबसे बड़े दावेदार माने जाते हैं। मगर बीजेपी व कांग्रेस के लिए शहरी विकास मंत्रालय के नियम मायने नहीं रखते। देश की इन दोनों ही बड़ी पार्टियों को इस मामले में काफी रियायत दी जाती है।
आरटीआई के जवाब के अनुसार, लुटियंस जोन में कांग्रेस का चार आवास पर कब्जा है, जिसमें 24, अकबर रोड, 26 अकबर रोड, 5 रायसीना रोड और सी-11/109, चाणक्यपुरी शामिल हैं। 24, अकबर रोड स्थित बंगला पार्टी को 1992 में आवंटित हुआ था। यही इस वक्त पार्टी मुख्यालय है। पार्टी इसके लिए कुल 3,920 रुपए मासिक किराया चुकाती है।
26, अकबर रोड वाले बंगले में कांग्रेस की सहयोगी इकाई सेवा दल का दफ्तर है और 5, रायसीना रोड पर युवा कांग्रेस और एनएसयूआई के दफ्तर हैं। वहीं, चाणक्यपुरी वाले बंगले का इस्तेमाल पार्टी दफ्तर के पदाधिकारी के आवास के तौर पर किया जाता है। 2015 में कांग्रेस को ये बंगले खाली करने को कहा गया। यहां तक कि उनका आवंटन भी रद्द कर दिया गया, मगर पार्टी ने बंगले खाली नहीं किए।
उधर, बीजेपी के पास इस पॉश इलाके में कुल दो बंगले हैं। पहला- 11, अशोका रोड पर। यह उसका पार्टी मुख्यालय है। दूसरा- 14, पंडित पंत मार्ग पर है। यहां पार्टी की राज्य इकाई का दफ्तर है। वहीं, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को भी इस जोन में बंगले मिले हुए हैं। मगर राष्ट्रीय पार्टी होने के बाद भी तृणमूल कांग्रेस को अभी तक दिल्ली में दफ्तर के लिए सरकारी जगह मुहैया नहीं कराई गई है।