Rukhmabai: Google ने डूडल बनाकर किया भारत की पहली महिला डॉक्टर को याद

आज का गूगल का डूडल फिर एक नए रुप में सबके सामने आया है। आज गूगल ने फिर से इतिहास के पन्नों से एक महिला को हमारे सामने जिंदा कर दिया है। आज के डूडल में एक महिला जिसके गले में डॉक्टर स्टेथस्कोप(आला) है और उनके आस-पास कुछ महिला मरीज के बिस्तर और नर्स उनकी सेवा करती नजर आ रही हैं। भारत और ब्रिटेन की पहली महिला डॉक्टर Rukhmabai राऊत को आज का डूडल समर्पित है। 22 नवंबर 1864 को जनार्धन पांडूरंग और जयंतीबाई के यहां Rukhmabai का जन्म हुआ। वो बढ़ई जाति से संबंध रखती थी।  आज उनके 153 वें जन्मदिन पर गूगल ने उन्हें डूडल बनाकर श्रद्धांजली दी है। Rukhmabai ने ब्रिटिश समय में अपनी पढ़ाई पूरी की जब महिलाओं को उनके मामूली अधिकारों से तक वंचिक रखा जाता था। इसके साथ ही उन्होनें हिंदू मैरिज की व्यवस्था को पुर्नस्थापित करने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी जिसकी सफलता उन्हें 1955 में मिली। Rukhmabai एक डॉक्टर के साथ एक समाजसेवक भी थीं।

Rukhmabai का विवाह 11 साल की उम्र में दादा जी भिकाजी उनकी बिना मर्जी के करवा दिया गया था जिसके वो सख्त खिलाफ थीं। भारत में उस समय बाल विवाह एक आम प्रथा थी। उनके माता-पिता ने हमेशा उनकी पढ़ाई को पूरा करने में सहयोग दिया लेकिन उनके पति दादाजी भिकाजी Rukhmabai को अपने साथ रहने के लिए मजबूर करते रहते थे। 1884 में दादाजी ने बंबई हाई कोर्ट में अपनी पत्नी पर हक के लिए याचिका दायर की, जिसमें कोर्ट ने फैसला लिया कि Rukhmabai को अपने पति के साथ रहना होगा नहीं तो उन्हें सजा के तौर पर जेल भेज दिया जाएगा। Rukhmabai ने कहा कि वो जेल जाना पसंद करेंगी पर इस तरह के विवाह बंधन में नहीं रहेगीं और इस केस की डिबेट इंग्लैंड तक पहुंची।

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