अपनी नई किताब को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करवाना चाहते हैं सचिन तेंदुलकर
सद में राइट टू प्ले को लेकर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर नहीं बोल पाए थे। उनके संबोधन के बीच विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। लिहाजा उस दिन वह अपनी बात देश के सामने नहीं रख सके। हालांकि अगले दिन इसी क्रम में सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात को जरूर रखा। उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें सचिन ने देश के लिए अतीत में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खेल हस्तियों को स्वास्थ्य सेवा का लाभ देने, पाठ्यक्रम में खेल को अनिवार्य रूप से शामिल करने और बच्चों को खेलने का अधिकार देने की बात कही।
सचिन ने अब युवाओं के लिए एक किताब भी लिखी। इसमें मास्टर ब्लास्टर देश के 21 दिग्गज खिलाड़ियों से रू-ब-रू करवाते दिख रहे हैं। सचिन चाहते हैं कि 50 पन्नों की ये किताब स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल की जाए, जिसका शीर्षक ‘अनफॉर्गेटेबल स्पोर्टिंग हीरोज ऐंड लेजेंड्स ऑफ इंडिया’ है।
सचिन का मानना है कि ‘देश को खेल की गतिविधियों से और प्रभावी रूप में जोड़ने के लिए हमें खेल की संस्कृति को भी बढ़ावा देना होगा। इस किताब को लिखने के पीछे मुख्य उद्देश्य था कि बच्चों को खेल जगत के लोगों की प्रेरक कहानियां बताई जा सकें। देश ने खेल के क्षेत्र में हजारों विभूतियों को जन्म दिया है। हर राज्य में ऐसे विशिष्ट खिलाड़ी मौजूद हैं जिनकी कहानियां स्कूली किताबों का हिस्सा बन सकती हैं।’
बता दें कि इस किताब में मेजर ध्यानचंद(हॉकी), पुलेला गोपीचंद( बैडमिंटन), अभिनव बिंद्रा( निशानेबाजी), कर्णम मल्लेश्वरी(भारोत्तोलन), मिल्खा सिंह( धावक), लेस्ली क्लॉडियस (हॉकी), पीके बनर्जी(फुटबॉलर), अरुणिमा सिन्हा( पर्वतारोहण), अनीता श्योरन(कुश्ती), विश्वनाथन आनंद( शतरंज), विजय अमृतराज( टेनिस), प्रकाश पादुकोण(बैडमिंटन), एमसी मैरीकॉम(बॉक्सिंग) और अजीत वाडेकर(क्रिकेट) आदि जैसे खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानियां हैं।