कानपुर में संतों द्वारा 25 हजार लीटर दूध से किया गंगा का अभिषेक

अवनीश कुमार

अब कानपुर के संतों ने गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए की ठान ली है। कानपुर के संतों ने दूसरे चरण के तहत 25 हजार लीटर दूध से गंगा का अभिषेक किया। संतों का कहना है कि कानपुर में हर हाल में गंगा को निर्मल किया जाएगा।मां गंगा सेवा समिति के तत्वाधान गंगा घाटों पर जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ मंदिर के पुजारी अरूण पुरी की अगुवाई में कानपुर के संतों ने मैली गंगा का 25 हजार लीटर दूध से अलग-अलग घाटों में अभिषेक किया गया।इसके बाद संतों ने गंगा के किनारे सभी घाटों में फैली गंदगी को दूर करने के लिए बैठक की।बैठक में यह तय हुआ कि जिला प्रशासन पर दबाव बनाया जाय कि शहर से सभी गंदे नालों को बंद किया जाय।

अरूण पुरी महाराज ने बताया कि संतों ने अब दृढ़ निश्चय किया है कि कानपुर परिक्षेत्र में गंगा को निर्मल बनाना है।कहा कि आज 25 हजार लीटर दूध से गंगा को अभिषेक किया गया और आगे भी इस तरह का अभिषेक होता रहेगा।कहा दूध से गंगा पूरी तरह से निर्मल नहीं हो सकती पर इससे लोगों में सकारात्मक बदलाव जरूर आएगा।जिससे गंगा की गंदगी को दूर किया जा सके और भक्तों को गंगा अपने पुराने स्वरूप में मिल सके तो वहीं दूसरी तरफ पनकी हनुमान मंदिर के महंत कृष्णदास,आनंदेश्वर महादेव मंदिर के महंत रमेश पुरी तथा बाल योगी आचार्य अरुणपुरी चैतन्य महराज के नेतृत्व में दुग्धाभिषेक किया गया।परमट घाट पर जुड़े संत समाज ने दुग्धाभिषेक कर गंगा की अविरलता बनाए रखने का संकल्प दोहराया।समाज के लोगों से भी अपील की गई कि गंगा को निर्मल, स्वच्छ बनाने में आगे आएं।

कार्यक्रम संयोजक अरुण चैतन्यपुरी महराज ने बताया कि परमट के अलावा बिठूर,तुलसी घाट,गुप्तारघाट,सरसैया घाट,दपकेश्वर घाट,सिद्धनाथ घाट तथा ड्योढ़ी घाट पर भी दुग्धाभिषेक कर गंगा सेवा समिति से जुड़े लोगों ने गंगा को निर्मल बनाने का संकल्प लिया।गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए संत समाज लंबे समय से प्रयास कर रहा है।लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है कि वह गंगा की अवरिलता बनाए रखने के लिए आगे आएं।बताते चलें कि पहले चरण के तहत दो जनवरी को संत समाज ने 11 सौ लीटर दूध से गंगा का दुग्धाभिषेक किया था।केन्द्र व प्रदेश सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद कानपुर में गंगा अपने स्वरूप के लिए तरस रही है।लगातार यहां के गंदे नाले गंगा को मैली कर रहे हैं और घाटों के किनारे की गंदगी भी बराबर जा रही है।जिसको देखते हुए कानपुर का संत समाज अब यहां पर गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की पहल शुरू कर दी है।गंगा को निर्मल,अविरल बनाए रखने के लिए कानपुर का संत समाज आगे आया है।

समाजसेवियों ने किया संतों विरोध-

गंगा को निर्मल करने के उद्देश्य से संतों ने सोमवार को दूसरी बार 25 हजार लीटर दूध से अभिषेक किया। जिस पर शहर के समाजसेवियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। समाजसेवी अनीता दुआ ने कहा कि दूध से अभिषेक करने से गंगा निर्मल नहीं होगी।अगर वाकई में संत गंगा को निर्मल करना चाहते है तो पहले गंगा के किनारे पटी गंदगी को साफ करने के लिए खुद श्रम करें। जिससे अनायास शहरवासी इस नेक कदम पर आगे आएंगे और शासन और प्रशासन भी सहयोग करेगा।समाजसेवी राजेन्द्र निगम ने कहा संतों द्वारा दूध से अभिषेक किया जाना सिर्फ तो सिर्फ पब्लिसिटी स्टंट है।गंगा को अविरल और निर्मल करने के लिए न तो संत और न ही शासन व प्रशासन गंभीर है।

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