सेल्फी की चाहत मे गवाई अपनी जान : सेल्फी लेते दो छात्रों की मौत

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में 150 फीट ऊंची पानी टंकी के ऊपर चढ़ कर सेल्फी खींच रहे दो छात्र फिसल कर नीचे गिर गए जिससे इस हादसे में उनकी मौत हो गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने मोबाइल व स्कूटी के कागजात से इनकी शिनाख्त की। दोनों युवकों ने हाल में बीएससी एनीमेशन की पढ़ाई पूरी की थी। हापुड़-दिल्ली बिजली बंबा बाइपास स्थित भगवती कुंज कालोनी में रहने वाले भारत भूषण शर्मा के छोटे बेटे ऋषभ ने सुभारती विश्वविद्यालय से बीएससी एनीमेशन का कोर्स पूरा किया था, जिसके बाद वह दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम कर रहा था। उसकी पांच फरवरी को शादी होनी भी तय थी। रविवार को अवकाश होने के कारण वह अपने घर आया हुआ था। परिवार वालों के मुताबिक ऋषभ रविवार को अपनी स्कूटी से यह कहकर निकला कि वह मलियाना में अपने दोस्त से मिलने जा रहा है। ऋषभ मलियाना जाकर अपने दोस्त के साथ कंकरखेड़ा स्थित सैनिक विहार कालोनी पहुंचा। वहां जाने के बाद दोनों युवक काफी देर तक एक पानी की टंकी के पास टहलते रहे। बाद में ऋषभ व शोसित मोबाइल से सेल्फी लेने के लिए 150 फीट ऊंची पानी की टंकी पर जा चढ़े। मौके पर मौजूद आसपास के लोगों के मुताबिक दोनों युवक अपने मोबाइल से अलग-अलग पोज बनाकर सेल्फी ले रहे थे।

सेल्फी लेने के दौरान ही अचानक दोनों युवक 150 फीट ऊंची टंकी से नीचे आ गिरे। यह नजारा देख आसपास मौजूद लोग शोर मचाते हुए मौके पर पहुंचे तो देखा दोनों युवकों के चेहरे व शरीर पर चोट आने की वजह से बहुत खून बह रहा था। इस हादसे की सूचना मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोबाइल व कागजात के आधार पर दोनों युवकों की शिनाख्त की। इस मामले में परिजनों की ओर से किसी भी तरह की कार्रवाई से इनकार करने के बाद पुलिस ने दोनों शव बिना पोस्टमार्टम के परिजनों को सौंप दिए।
मोबाइल से सेल्फी लेने से होने वाली मौतों पर एक शोध के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सेल्फी लेने की वजह से सबसे अधिक मौतें भारत में हुई हैं। 2014 से सितंबर 2016 के बीच 18 महीनों में सेल्फी के दौरान लापरवाही के कारण हुई मौतों का आंकड़ा 76 तक पहुंचा है। अपने आपको कुछ अलग दिखाने की होड़ में समुद्री किनारे, ट्रेन, नदी व पहाड़ पर मोबाइल से सेल्फी लेना मौत की खासी वजह माना गया है। भारत में सेल्फी लेने के दौरान जो मौतें हुई हैं उनमें अधिकांश युवा तबका ही शिकार बना है।

इस बारे में मनोचिकित्सक पूनम देवदत्त का कहना था कि युवाओं के स्वभाव में कुछ रोमांचक करने की ललक बनी रहती है। इसी ललक के कारण वह किसी भी तरह के जोखिम भरे फैसलों से भी अपने आपको अलग नहीं रख पाते। बहुत अधिक सेल्फी लेना ओसीडी नामक एक मानसिक बीमारी है जिसमें मरीज एक ही काम को बार-बार दोहराने की चाहत रखता है। हरफनमौला बनने के लिए मौत का आभास होते हुए भी ऐसे लोग रिस्क लेने से नहीं कतराते।

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