दो साल बाद वापस लौटी ‘लापता’ पाकिस्तानी पत्रकार, ‘भारतीय जासूस’ का कर रही थीं पीछा

पिछले दो सालों से गायब पाकिस्तानी महिला पत्रकार जीनत शहजादी वापस अपने वतन लौट आईं हैं। जीनत पाकिस्‍तान में एक भारतीय इंजीनियर निहाल हामिद अंसारी का पता लगाने में जुटी थीं। हामिद को 2015 में पाक ने भारतीय एजेंसी रॉ का जासूस बताया था और इसी आरोप में सैन्य अदालत ने उसे तीन साल की सजा सुनाई थी। इसी साल पत्रकार जीनत शहजादी भी अचानक गायब हो गईं थी। बुधवार रात जीनत को पाकिस्तान-अफगानिस्तान बोर्डर के पास देखा गया और उसके बाद उन्हें पाकिस्तान वापस लाया गया। इस बात की जानकारी न्यायमूर्ति जावेद इकबाल ने बीबीसी उर्दू से बात करते हुए दी। बता दें कि 19 अगस्त 2015 को कुछ लोगों ने उनका कथित तौर अपहरण कर लिया था। वह उस भारतीय इंजीनियर हामिद अंसारी का पता लगाने का प्रयास कर रही थी। जिसके बाद बलूचिस्तान के आदिवासी लोगों ने उन्हें वहां से निकालने का काम किया था। जीनत की गायब होने की खबर तब आई जब उन्होंने निहाल हामिद अंसारी की मां फौजिया अंसारी की तरफ से पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के ह्यूमन राइट्स सेल में आवेदन दायर किया था।

इसके बाद जीनत शहजादी अचानक गायब हो गईं थी। उनके इस तरह गायब होने से उनके घरवाले काफी परेशान हो गए थे। उनके भाई ने तब उनकी तलाश के लिए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मदद मांगी थी। जीनत के भाई सलमान लतीफ ने कहा था कि भारतीयों की मदद करना अब उनके परिवार को महंगा पड़ रहा है। उन्‍होंने कहा था कि उनकी बहन का कुछ पता नहीं चल रहा और उनके भाई ने पहले ही आत्‍महत्‍या कर ली है।

उनकी बहन ने सिर्फ एक भारतीय की मदद की है न कि कोई अपराध किया है। वहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता और आयोग की सदस्य हिना जिलानी ने जीनत को लेकर कहा था कि शहजादी का लापता होना शर्मनाक है। 24 साल की महिला को बिना वारंट के उठा लिया गया। क्या युवा महिलाओं को उठाने का यह नया चलन है? हम जानना चाहते हैं कि उसका अपराध क्या था और वह बिना वारंट के कैसे लापता हो गई?

 

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