Share Market: रिकॉर्ड तेजी से सेक्टोरल फंड में अच्छा रिटर्न, पावर-इन्फ्रा के साथ इसमें हो सकती है बेहतर कमाई,

विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई ) खरीदारी की होड़ में हैं। इससे इनके और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के बीच निवेश का अंतर मुश्किल से 9 फीसदी रह गया है। उम्मीद है कि डीआईआई जल्द ही एफआईआई से आगे निकल जाएंगे। 

घरेलू शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी के बीच निवेशक अच्छे रिटर्न के लिए सेक्टोरल फंडों में दांव लगा सकते हैं। अर्थव्यवस्था भी इस समय अच्छा काम कर रही है। विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई ) खरीदारी की होड़ में हैं। इससे इनके और विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के बीच निवेश का अंतर मुश्किल से 9 फीसदी रह गया है। उम्मीद है कि डीआईआई जल्द ही एफआईआई से आगे निकल जाएंगे। कोई आश्चर्य नहीं कि कोर सेक्टर इस विकास इंजन में सबसे आगे हैं।

पावर, इन्फ्रा व बैंकिंग थीम में हो सकती है कमाई
बोडेविजन इन्वेस्टर्स सर्विसेज के आलोक अग्रवाल का कहना है कि ऐसे उत्साहपूर्ण समय में थीम आधारित सेक्टोरल फंडों में निवेश का अवसर बनता है। पावर, इन्फ्रा, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, नवाचार और उपभोग थीम में निवेश से रिटर्न में शानदार वृद्धि देखने को मिल सकती है। निप्पॉन इंडिया पावर एंड इन्फ्रा फंड ने एक साल में 82.73 फीसदी रिटर्न दिया है। फंड हाउस के फार्मा और कंजम्प्शन फंड ने भी क्रमशः 40.92 फीसदी व 39.34 फीसदी रिटर्न दिया है। 

आर्थिक प्रगति में भी कर सकते हैं योगदान
अगर आप प्रमुख सेक्टर फंडों में श्रेणी के रिटर्न को देखें तो इन्फ्रास्ट्रक्चर ने 46.05 फीसदी, कंजम्पशन फंड ने 47 फीसदी, फार्मा फंड ने 47.06 फीसदी और टेक्नोलॉजी आधारित फंड ने 30 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। कुल मिलाकर, पिछले एक साल में सेक्टोरल फंड्स ने निवेश पर 44.40 फीसदी रिटर्न दिया है। रणनीतिक रूप से तैयार किए गए इन फंडों में निवेश कर निवेशक न सिर्फ सेक्टर आधारित ग्रोथ से लाभान्वित हो सकते हैं, बल्कि भारत की दमदार आर्थिक प्रगति में भी योगदान दे सकते हैं।