भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के लिए सुप्रसिद्ध, अभिनेता शशि कपूर के निधन के बारे में जान कर बहुत दुख हुआ। सार्थक सिनेमा को उनका योगदान और भारतीय रंगमंच को शक्ति देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा याद की जाएगी। उनके परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं —राष्ट्रपति कोविन्द
बॉलीवुड अभिनेता शशि कपूर का निधन, मुंबई में ली आखिरी सांस
बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शशि कपूर का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। शशि कपूर पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में शशि कपूर ने अंतिम सांसें लीं। शशि कपूर ने अपने करियर में 160 फिल्मों (148 हिंदी और 12 अंग्रेजी) में काम किया। वे 79 वर्ष के थे। 60 और 70 के दशक में उन्होंने जब-जब फूल खिले, कन्यादान, शर्मीली, आ गले लग जा, रोटी कपड़ा और मकान, चोर मचाए शोर, दीवार कभी-कभी और फकीरा जैसी कई हिट फिल्में दी। शशि कपूर को तीन बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है। 1979 में शशि द्वारा निर्मित फिल्म जुनून को बेस्ट फीचर फिल्म अवॉर्ड मिला। 1986 में फिल्म न्यू देल्ही टाइम्स के लिए बेस्टर एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला। 1994 में फिल्म ‘मुहाफिज’ के लिए स्पेशल ज्युरी अवॉर्ड भी मिल चुका है।
1984 में पत्नी जेनिफर की कैंसर से मौत के बाद शशि कपूर काफी अकेले रहने लगे थे और उनकी तबीयत भी बिगड़ती गई। बीमारी की वजह से शशि कपूर ने फिल्मों से दूरी बना ली। साल 2011 में शशि कपूर को भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। 2015 में उन्हें दादा साहेब पुरस्कार भी मिल चुका था।
शशि कपूर के निधन पर भारत के राष्ट्रपति ने ट्वीट कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि सार्थक सिनेमा को उनका योगदान और भारतीय रंगमंच को शक्ति देने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका हमेशा याद की जाएगी।