बिहार की शेल्टर होम पीड़िता की आँखोदेखी- आलू के बोरे में भर पुल के नीचे फेंकवा दी लड़की की लाश

मुजफ्फरपुर बालिका गृह से आ रही ‘पाप’ की खबरें आपको गुस्से से भर देगी। मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम से मोकामा के नजारत अस्पताल शेल्टर होम में पहुंची लड़कियों ने अपनी जलालत की जिंदगी की कहानी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा को बताया है। हिन्दुस्तान अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक महिला आयोग की अध्यक्ष ने एक लड़की द्वारा बताये वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि बालिका गृह में एक लड़की को मारकर उसकी लाश को कचरे के ढेर में फेंक दिया गया था। लड़की ने महिला आयोग की अध्यक्ष को बताया कि बालिका गृह में एक लड़की ने एक रेडियो तोड़ दिया था। इस घटना से ब्रजेश काफी गुस्से में था। एनजीओ के संचालक ब्रजेश ठाकुर ने चार लड़कियों को रखा था। उसने चारों लड़कियों से कहा कि अगर वे लोग इस लड़की को मार देंगी तो वो उन्हें बहुत पैसा देगा।

लड़की बताती है कि ब्रजेश की शह पाकर एक रात चारों लड़कियों ने उस लड़की मारने का प्लान बनाया। रात का वक्त था। महिला आयोग की अध्य्क्ष को कहानी बताने वाली लड़की सोने का नाटक कर रही थी। इस लड़की ने बताया कि अगर वो कुछ करती तो उसे भी मार दिया जाता। लड़की ने कहा, “रात के दो बजे मैंने देखा-एक लड़की ने उसका गला दबाया, एक हाथ पकड़े हुए थी, और दो लड़कियां उसे मार रही थीं…जब लड़की की मौत हो गई तो उसके शव को आलू के बारो में भर दिया गया। इसके बाद गुड्डू, विजय और आरती नाम की महिला ने डेड बॉडी को रिक्शा पर रखा और मुजफ्फरपुर पुल के नीचे ले गई…इस जगह पर शहर का कचरा भी फेंका जाता था… इसी जगह पर कचरे के ढेर में लाश फेंक दिया गया।” लड़की ने कहा कि वह बालिका गृह की छत पर चढ़कर ये सब घटना देख रही थी।

नेपाल बॉर्डर से डेढ़ साल पहले आश्रय गृह आई एक लड़की ने बताया कि उसे काउंसिलिंग के बहाने एक होटल ले जाया गया। वहां पर उसे पीने के लिए पानी दिया गया। उसे शरीर पर जब पानी गिरा तो पोछने के लिए उसे रुमाल दिया गया। लड़की ने कहा कि उसने जैसे ही अपना मुंह पोछा उसे बेहोशी आने लगी। जब आंख खुली तो शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था। लड़की जब इस बावत ब्रजेश से पूछती तो वह बोलता कि ऐसी चीजों की अब आदत डाल लो। ब्रजेश ठाकुर इस वक्त बिहार पुलिस के शिकंजे में है।

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