शिया वक्फ बोर्ड चीफ ने दारूल उलूम में विदेशी कट्टरपंथी द्वारा इस्लामिक आंदोलन चलाने का लगाया गंभीर आरोप

शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने दारुल उलूम और मदरसों पर गंभीर आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल  और भारत के अन्य सीमावर्ती इलाकों में सांप्रदायिक दंगों के लिए वसीम रिजवी ने दारुल उलूम और मदरसों में रह रहे विदेशी कट्टरपंथियों को जिम्मेदार ठहराया है। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि दारुल उलूम और मदरसों में संदिग्ध विदेशी कट्टरपंथी पढ़ा रहे हैं। रिजवी के मुताबिक कुछ विदेशी इन मदरसों में विद्यार्थी बनकर भी रह रहे हैं।  रिजवी ने दावा किया है कि दारुल उलुम देवबंद में एक बांग्लादेशी नागरिक अपनी असली पहचान छिपाकर भारतीय पहचान के साथ रह रहा है। रिजवी का दावा है कि यह विदेशी शख्स भारत में खुलेआम इस्लामिक मूवमेंट चला रहा है। उन्होंने कहा कि इस विदेशी शख्स के पास भारत का भी पासपोर्ट है। रिजवी ने कहा कि उन्होंने इस बात की जानकारी प्रदेश सरकार को भी दी है।

वसीम रिजवी ने आगे कहा है कि दारुल उलूम के अलावा बर्मा, नेपाल औऱ पाकिस्तान बॉर्डर से सटे पश्चिम बंगाल और कश्मीर के ज्यादातर मदरसों में हिंदू और शिया समाज के खिलाफ कट्टरपंथी मानसिकता तैयार की जा रही है। उन्होंने देश में सांप्रदायिक हिंसों के लिए दारुल उलूम और मदरसों को ही जिम्मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं रिजवी ने केंद्र सरकार से मांग भी की है कि मदरसों के शिक्षकों और बड़े मौलानाओं की कई कमेटियां गठित कर उन्हें आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में आतंकवादियों के ह्रदय परिवर्तन करने के लिए भेजा जाए।

वसीम रिजवी ने कहा है कि कई विदेशी कट्टरपंथी अलग-अलग मदरसों में अपनी पहचान छिपा कर रह रहे हैं। यह सभी भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने का ख्वाब देख रहे हैं। रिजवी के मुताबिक कट्टरपंथी इन मदरसों और दारुल उलूम में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। ये भारत में उन्माद फैलाने की साजिश रच रहे हैं।

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