शिलांग में हालात तनावपूर्ण, तनाव वाले इलाकों में हिंसा अभी भी जारी, शाम 4 बजे के बाद कर्फ्यू

प्रशासन ने मेघालय की राजधानी शिलांग में सोमवार को कर्फ्यू बढ़ा दिया, क्योंकि तनाव वाले इलाकों में हिंसा अभी भी जारी है। पिछले चार दिनों से सुरक्षा बलों पर भीड़ पथराव कर रही है। ईस्ट खासी हिल्स के उपायुक्त पीटर एस. दखार ने आईएएनएस से कहा, “शिलांग में सोमवार शाम चार बजे से मंलवार सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लागू किया गया है, क्योंकि शहर के दूसरे हिस्सों में भी अशांति फैसले की संभावना है।  उन्होंने कहा, “इन इलाकों में हालात बहुत तनावपूर्ण हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इंटरनेट व मोबाइल सेवाओं पर रोक जारी रहेगी और पेट्रोल व डीजल की अवैध बिक्री पर रोक रहेगी।

मोटफ्रान, मावखर व आसपास के इलाकों में 31 मई को हुए संघर्ष में कानून-व्यवस्था को भंग करने के मद्देनजर जिला मजिस्ट्रेट ने लुमडिंगजरी पुलिस थाने व कैंटोनमेंट बीट हाउस इलाकों में कर्फ्यू लागू किया था। हालांकि, कर्फ्यू में रविवार सुबह आठ बजे से सात घंटे के लिए ढील दी गई थी, लेकिन भीड़ ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। इससे पुलिस बलों को भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

पुलिस महानिदेशक एच.नोंगपुह ने कहा कि भीड़ ने मानसिक रूप अस्थिर एक विचारधीन कैदी को ले जा रहे वाहन पर भी हमला किया। इस व्यक्ति को केजीपी रॉबर्ट अस्पताल में भर्ती कराना था।  मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने रविवार को कहा कि पुलिस ने पाया है कि कुछ लोग इस आंदोलन को वित्त पोषित कर रहे हैं। इस बीच दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा की अगुवाई में एक सिख प्रतिनिधिमंडल ने संगमा से मुलाकात की और संतुष्टि जताई कि मेघालय में सिख सुरक्षित हैं।

शिलांग स्थित सिख समुदाय के नेता गुरजीत सिंह ने उन मीडिया रपटों का खंडन किया, जिनमें गुरुद्वारा जलाए जाने की बात कही गई थी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने भी कथित हमले की अफवाहों का खंडन किया।

शिलांग पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस बस के एक चालक व कुछ महिलाओं के बीच थेम मेटोर में झगड़े के बाद यह संघर्ष शुरू हुआ। इसे लेकर तीन लोगों पर हमला किया गया।

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