संयुक्त राष्ट्र में सुषमा स्वराज की खरी-खरी- अपने गिरेबान में झांके पाकिस्तान
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी नेता इस पर विचार करें कि आज भारत की पहचान आइटी की महाशक्ति की है और पाकिस्तन आतंकवाद का निर्यात करने वाले और एक आतंकवादी देश के तौर पर बदनाम क्यों है। विदेशमंत्री ने आतंकवाद को मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा बताया। विदेशमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने पर सहमत नहीं हो सकती तो फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद की समस्या का कैसे मुकाबला करेगा। अपने भाषण में सुषमा ने नोटबंदी को साहसी फैसला बताया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 72वें सत्र को संबोधित करते हुए सुषमा ने पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जो देश विनाश, मौत और निर्दयता का विश्व का सबसे बड़ा निर्यातक है, वो आज इस मंच से मानवता का उपदेश देकर पाखंड का चैंपियन बन गया है।
वह पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी के गुरुवार के संबोधन का हवाला दे रही थीं जिन्होंने भारत पर मानवाधिकार के उल्लंघन और सरकार प्रायोजित आतंकवाद का आरोप लगाया था। सुषमा ने सवाल किया, ‘आज मैं पाकिस्तान के नेताओं से कहना चाहूंगा कि क्या आपने कभी सोचा है कि भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए लेकिन आज भारत की पहचान दुनिया में आइटी की महाशक्ति क्यों है और पाकिस्तान की पहचान आतंकवाद का निर्यात देश और एक आतंकवादी देश की क्यों है?’ भारत ने शुक्रवार को पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए उसे ‘टेररिस्तान’ बताया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की जमीन से आतंकवाद पैदा हो रहा है और आतंकवाद का निर्यात होता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक को लगातार दूसरे साल हिंदी में संबोधित करते हुए सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद का निर्यात किए जाने के बावजूद भारत ने प्रगति की। उन्होंने कहा, ‘भारत की आजादी के बाद पिछले 70 साल में कई पार्टियों की सरकारें रही हैं। हमने लोकतंत्र को बनाए रखा और प्रगति की। हर सरकार ने भारत के विकास के लिए अपना योगदान दिया।’ विदेशमंत्री ने कहा, ‘हमने वैज्ञानिक और तकनीकी संस्थान स्थापित किए जिन पर दुनिया को गर्व है। परंतु पाकिस्तान ने दुनिया और अपने लोगों को आतंकवाद के अलावा क्या दिया?’ उन्होंने कहा, ‘हमने वैज्ञानिक, विद्वान, डॉक्टर, इंजीनियर पैदा किए और आपने क्या पैदा किया? आपने आतंकवादियों को पैदा किया…आपने आतंकी शिविर बनाए हैं, आपने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन और हक्कानी नेटवर्क पैदा किया है।’
सुषमा ने कहा कि पाकिस्तान ने जो पैसा आतंकवाद पर खर्च किया, अगर अपने विकास पर खर्च करता तो आज दुनिया अधिक सुरक्षित और बेहतर होती। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ओर से बनाए गए आतंकवादी समूह सिर्फ भारत को नुकसान नहीं पहुंचा रहे, बल्कि अफगानिस्तान और बांग्लादेश को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। सुषमा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि पाकिस्तान ने ‘राइट टू रिप्लाइ’ मांगा और उसे एक साथ तीन देशों को जवाब देना पड़ा हो। उन्होंने सवाल किया, ‘क्या यह आपके नापाक मंसूबे को नहीं दिखाता है?’ प्रधानमंत्री अब्बासी का हवाला देते हुए सुषमा ने कहा कि पाकिस्तानी नेता ने भारत पर आरोप लगाने में बहुत अधिक समय जाया कर दिया।
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की ओर से शांति और मित्रता की बुनियाद पर विदेश नीति तामीर किए जाने के अब्बासी के दावे पर सुषमा ने कहा कि वह नहीं जानतीं कि जिन्ना ने किन सिद्धांतों की पैरवी की थीं, लेकिन इतना जरूर कह सकती हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पदभार संभालने के बाद शांति और दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को यह जवाब देना चाहिए कि आपके देश ने इस प्रस्ताव को क्यों ठुकराया।’ विदेशमंत्री ने आतंकवाद को मानवता के अस्तित्व के लिए खतरा बताया। उन्होंने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आतंकवादियों को प्रतिबंधित सूची में डालने पर सहमत नहीं हो सकती तो फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय आतंकवाद की समस्या का कैसे मुकाबला करेगा।सुषमा ने कहा कि कालेधन को चुनौती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने का एलान किया था। सुषमा ने इसे साहसी फैसला बताया।