सीताराम येचुरी दोबारा चुने गए माकपा महासचिव
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को अगले तीन साल के लिए सीताराम येचुरी को फिर से अपना महासचिव निर्वाचित किया। येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से हटाने के लिए कदम उठाने का संकल्प लिया। माकपा नेता और त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने यहां पार्टी की 22वीं कांग्रेस के अंतिम दिन उन्हें फिर से निर्वाचित किए जाने की घोषणा की। सरकार ने कहा कि 65 वर्षीय येचुरी को 95 सदस्यीय नई केंद्रीय समिति ने निर्वाचित किया। पार्टी ने 17 सदस्यीय नए पोलित ब्यूरो को भी चुना।
सरकार ने बताया, “येचुरी को सर्वसम्मति से निर्वाचित किया गया। इस पद के लिए चुनाव में कोई दूसरा व्यक्ति उम्मीदवार नहीं था।” येचुरी 1974 से माकपा के सदस्य हैं और उन्हें पहली बार 2015 में माकपा महासचिव चुना गया था। चेन्नई में जन्मे येचुरी ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की। दिल्ली में उन्होंने अपनी जिंदगी का अधिकतर समय बिताया है।
आम चुनाव से एक साल पहले शीर्ष पद पर फिर से चुने जाने पर येचुरी ने कहा कि माकपा का पहला लक्ष्य भाजपा-आरएसएस सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। देशभर से आए पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उन्होंने सभी को आश्वस्त किया कि वह इस पद की विशाल जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता का सर्वश्रेष्ठ देंगे।
पांच दिवसीय सम्मेलन में येचुरी गुट और पूर्व महासचिव प्रकाश करात गुट राजनीतिक प्रस्ताव के मसौदे में संशोधन के लिए सहमत हो गए। कांग्रेस पार्टी के साथ राजनीतिक गठबंधन बनाने की खबरों का खंडन करते हुए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया गया है कि माकपा कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए तैयार है। प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया गया है कि उसका पहला और अंतिम लक्ष्य भारतीय जनता पार्टी को हराना है।