श्री श्री रविशंकर का बयान- अगर राम मंदिर मुद्दा नहीं सुलझा तो सीरिया में बदल जाएगा भारत

‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के संस्थापक एवं आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा है अगर अयोध्या में राममंदिर से जुड़ा विवाद नहीं सुलझा तो भारत सीरिया में बदल जाएगा। उन्होंने कहा है कि कोर्ट से जो भी फैसला आएगा, उस पर दोनों पक्षों का राजी होना असंभव लगता है। अगर कोई पक्ष जीतेगा तो भी उसकी एक प्रकार से हार ही होगी। मंदिर या मस्जिद को लेकर जो भी फैसला आएगा, उसको लेकर न्यायालय पर एक पक्ष सवाल खड़ा करेगा। न्यायपालिका को संशय की निगाह से लोग देखेंगे। मनमुताबिक फैसला न होने पर जगह-जगह फसाद और गृहयुद्ध की नौबत भी उत्पन्न हो सकती है।

‘आज तक’ को दिए इंटरव्यू में श्री श्री रविशंकर से पूछा गया कि जीवन जीने की कला सिखाते-सिखाते मंदिर बनाने की कला क्यों सिखाने लगे? इस पर रविशंकर ने कहा कि अमन-शांति के लिए यह बहुत जरूरी है। जब तक इसको नहीं सुलझाएंगे देश के विकास में यह मुद्दा बाधक बना रहेगा। उन्होंने कहा कि देश की जनता चाहती है कि अयोध्या में मंदिर बने।

उन्होंने कहा कि  मंदिर तीन प्रकार से बन सकता है। एक तो कोर्ट के फैसले से, दूसरे केंद्र सरकार की ओर से कानून बनाकर या फिर आपसी सहमति से। अगर कोर्ट मंदिर बनाने का इजाजत देता है तो मुसलमानों को भीतर से हार का अनुभव महसूस होगा, उनके भीतर का भाव ठीक नहीं होगा। उन्हें लगेगा कि हमारे साथ नाइंसाफी हुई है। आज नहीं तो सौ-पचास साल बाद युवा इस फैसले के खिलाफ खड़े हो जाएंगे। फिर वो मुद्दा वहीं का वहीं रह जाएगा। अगर कोर्ट मस्जिद के पक्ष में फैसला देता है तो देश गृहयुद्ध में झुलस सकता है।

 

हिंदू-मुस्लिम के बीच फासले बढ़ जाएंगे। लोगों के मन में न्यायालय के प्रति संशय उत्पन्न होगा। रविशंकर ने कहा कि अगर कोर्ट एक एकड़ में मस्जिद और बाकी में मंदिर बनाने का फैसला देते है तो इस फैसले से भी शांति नहीं आने वाली। क्योंकि जब 60 एकड़ में भव्य मंदिर बनेगा तो एक एकड़ में मस्जिद होने से हमेशा के लिए संघर्ष बिंदु तैयार होगा। जिससे टकराव रोकने के लिए हर समय 50 हजार पुलिस फोर्स तैनात करनी होगी। कुरान में भी कहा गया है कि विवादित स्थान पर नमाज नहीं पढ़ा जा सकता। श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि मेरा मानना है कि कोर्ट में जीतने वाले पक्ष की भी हार होगी। इस नाते वे कोर्ट से बाहर सुलह का रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

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