करोड़ों की धोखाधड़ी के आरोप में SRS ग्रुप के चेयरमैन समेत 5 अधिकारी को किया गया गिरफ्तार

रियल एस्टेट कंपनी एसआरएस ग्रुप द्वारा लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाने का मामला सामने आया है। शिकायत दर्ज होने के एक महीने बाद फरीदाबाद पुलिस ने कंपनी के अध्यक्ष अनिल जिंदल समेत पांच अरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके खिलाफ 22 मामले दर्ज हैं। जानकारी के मुातबिक, कंपनी पर आम लोगों को फ्लैट देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये का चूना लगाने आरोप है। अनिल जिंदल के अलावा नानकचंद तायल, बिशन बंसल, देवेंद्र अधाना और विनोद मामा को दबोचा गया है। पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना मिलने के बाद सभी पांचों आरोपियों को दिल्ली के महिपालपुर इलाके में स्थित एक होटल से बुधवार (4 अप्रैल) देर रात को गिरफ्तार किया गया था। फरीदाबाद पुलिस ने गुरुवार (5 अप्रैल) को धोखाधड़ी से प्रभावित सभी लोगों से सबूत के साथ सामने आने की अपील की, ताकि पांचों आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य जुटाया जा सके।

जानकारी के अनुसार, पांचों आरोपियों के खिलाफ 4 अप्रैल को फरीदाबाद के सेक्टर-31 थाने में 22 मामले दर्ज कराए गए थे। इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), हरियाणा के विशेष कानून समेत अन्य धाराओं में मामले दर्ज किए गए हैं। डीसीपी (मुख्यालय) विक्रम कपूर ने कहा, ‘आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद आर्थिक अपराधा शाखा (ईओडब्ल्यू) ने साक्ष्य जुटाना शुरू कर दिया था। इसके अलावा उन्हें दबोचने के लिए छापेमारी अभियान भी शुरू कर दिया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए सभी आरोपी लगातार अपना स्थान बदल रहे थे। सूत्रों से मिली जानकारी के बाद उन्हें दबोचने में सफलता मिली।’ बाईस मामलों के अलावा ईओडब्ल्यू इनके खिलाफ की गईं 100 शिकायतों की भी छानबीन कर रही है। प्रारंभिक जांच के बाद इस मामले पर भी आगे की कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी ने बताया कि मामले की जांच के सिलसिले में आयकर विभाग और प्रवर्तन विभाग से भी संपर्क साधा जाएगा, ताकि आरोपों की बारीकी से जांच की जा सके।

एसआरएस ग्रुप की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कंपनी रियल एस्टेट के अलावा जूलरी, सिनेमा, रिटेल और हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र में भी सक्रिय है। अनिल जिंदल कंपनी के संस्थापक अध्यक्ष हैं। कंपनी का कुल टर्न ओवर 5,389 करोड़ रुपये बताया गया है। कंपनी ने लोगों को फ्लैट देने का वादा किया था, लेकिन लंबा वक्त बीतने के बाद भी यह वादा पूरा नहीं किया जा सका था।

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