झारखंड में तीन दिनों से अन्न का एक दाने को तरसती 62 वर्षीय महिला ने भूख से तोड़ दिया दम

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में भुखमरी से एक और मौत की घटना सामने आई है। डुमरी प्रखंड के मंगरगढ़ी गांव में 62 वर्षीय महिला सावित्री देवी की भूख से मौत हो गई। पति द्वारिका की पहले ही मौत हो चुकी है। पूरा परिवार बेहद गरीबी में जीने को मजबूर है।भुखमरी से मौत की इस घटना के बाद विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर है। खबर सुनकर विधायक और जिला प्रशासन से जुड़े अफसर वृद्धा के घर पहुंचे और घर की हालत की जानकारी ली। वृद्धा की बहू पूर्णिमा ने बताया कि घर की माली हालत काफी खराब है। बताया जाता है कि पिछले तीन दिनों से वृद्धा को भोजन नहीं मिला था। जिससे उसकी मौत हो गई।

वृद्धा की बहू ने बताया कि पिछले छह महीने से वह किसी तरह भीख मांगकर परिवार के सदस्यों का पेट पालती थीं। मगर कुछ समय से अनाज की व्यवस्था नहीं हो सका।जिससे पिछले तीन दिन से घर में भोजन नहीं बन सका था। उधर पंचायत के मुखिया राम प्रसाद महतो ने वृद्धा को जीवनयापन के लिए पेंशन और राशन कार्ड न मिलने के पीछे सरकारी व्यवस्था को जिम्मेदार माना। कहा कि 2014 में ही विधवा पेंशन मंजूर हो गई थी मगर इसलिए नहीं मिली क्योंकि नाम 2011 के आर्थिक जनगणना के डेटा में नहीं था। इस नाते राशन कार्ड और प्रधानमंत्री आवास योजना का भी लाभ नहीं मिल सका। स्थानीय विधायक जगरनाथ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर भुखमरी से मौत की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि वह इस मामले को विधानसभा में प्रमुखता से उठाएंगे।

इससे पहले झारखंड के कारीमोटी गांव में पिछले साल अक्टूबर में 11 वर्षीय संतोषी नामक बालिका की भूख से मौत हो गई थी। मां ने कहा था कि बेटी भात-भात कहकर मर गई, राशन डीलर ने आधार कार्ड लिंक न होने कारण राशन देने से मना कर दिया था।बता दें कि छह महीने पहले उत्तर प्रदेश के बरेली में भूख से शकीना नामक महिला की मौत की घटना भी सामने आई थी।50 वर्षीय महिला को पांच दिनों से भोजन नसीब नहीं हुआ था।हालांकि जिला प्रशासन ने भुखमरी की घटना से मौत से इन्कार करते हुए बीमारी को कारण बताया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *