इटावा जिले के एक गांव में तेज आवाज के साथ जमीन फटने से मच गया हड़कंप
उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के महेवा विकास खंड के संतोषपुरा गांव में तेज आवाज के साथ लगभग 10 मीटर तक जमीन फट गई। जमीन फटने की चौड़ाई लगभग दस फीट से अधिक है। जमीन फटने की खबर मिलने पर ग्रामीणों का फटी हुई जमीन देखने के लिए जमावड़ा लग गया। भर्थना के उपजिलाधिकारी हेम सिंह ने शुक्रवार को बताया कि महेवा विकास खंड के संतोषपुरा गांव में जमीन फटने की सूचना ग्रामीणों की ओर से मिली हुई है, जिस पर राजस्व विभाग की टीम से गहनता से जांच कराई जा रही है। अभी तक जांच रिर्पोट नहीं आई है, जैसे ही रिर्पोट आती है स्पष्ट किया जाएगा। लेकिन प्रारंभिक तौर पर ऐसा माना जा रहा है कि जमीन के नीचे किसी तरह की हलचल होने से ऐसा हुआ हो सकता है।
संतोषपुरा गांव के सतीशचंद्र शाक्य के खेत में देर शाम हल्की दरार पड़ी देखी गई। बरसात न होने के कारण दरार पड़ना मान किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह 7 बजे जोरदार आवाज के साथ धमाका सुनाई दिया। धमाके की आवाज सुनकर जब कुछ ग्रामीण खेत पर पहुंचे तो लगभग दस मीटर लंबा व दस फीट चौड़ा और इतनी ही गहरी जमीन में दरार देख ग्रामीण दंग रह गए।
ग्रामीणों का कहना है कि सुबह जो धमाका सुनाई दिया था, वह धरती फटने जैसा प्रतीत होता हुआ दिख रहा है। सैकड़ों ग्रामीणों का देर तक मजमा लगा रहा, हर कोई अपने-अपने ढंग से धरती फटने के कारणों का कयास लगाता रहा। लोगों ने इसमें तकरीबन चार घंटे तक नलकूप का पानी चलाकर दरार को भरने की कोशिश भी की, मगर जमीन की गहराई का न ही अनुमान लगा सके और न उसमें पानी भर सके। जिसके चलते दरार की गहराई नापने की कोशिश नाकामयाब साबित हुई। ग्रामीणों ने जमीन फटने की जानकारी प्रशासन को दी, उसके बाद तहसील से राजस्व कर्मी मौके पर जांच के लिए पंहुचे। लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि जमीन किन कारणों से फटी है।
इटावा के जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव कहते हैं कि जमीन फटने की जानकारी उनके संज्ञान में आई हुई है। लेकिन वे मौके पर जांच करने के लिए अभी नहीं पहुंचे, इसलिए जमीन फटने के कारणों के बारे में कुछ भी नहीं कह सकते। जनता कॉलेज बकेबर के कृषि वैज्ञानिक डॉ अशोक पांडेय जमीन फटने की घटना को लेकर बताते हैं कि घटते जलस्तर और धरती की नमी सूखती जा रही है, इससे दरार पड़ी हो सकती है। अत्यधिक जलदोहन और नमी सूखने से जमीन फटी है।