बलात्कार मामले में पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह ने किया समर्पण

पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की महिला कर्मचारी के साथ बलात्कार के आरोपों में पुलिस के निशाने पर आए पूर्व लोक निर्माण मंत्री सुच्चा सिंह लंगाह ने बुधवार को गुरदासपुर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उन्हें नौ अक्तूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। गुरदासपुर पुलिस ने बीते 29 सितंबर को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की महिला पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर सुच्चा सिंह लंगाह के विरुद्ध बलात्कार  का मामला दर्ज किया था। हालांकि लंगाह ने उसी रात कहा था कि वह 30 सितंबर को अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे, लेकिन लंगाह ने अदालत में समर्पण करने की बजाय दो अक्तूबर को चंडीगढ़ पहुंचकर वहां की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की। चंडीगढ़ की अदालत ने लंगाह की याचिका खारिज करते हुए उन्हें गुरदासपुर में ही समर्पण करने का निर्देश दिया। इसके उलट लंगाह ने हाई कोर्ट में एक याचिका दायर करके तीन दिन के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की।

मंगलवार को ही गुरदासपुर की अदालत ने सुच्चा सिंह लंगाह का लुकआउट नोटिस जारी किया था। बुधवार को पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने लंगाह की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई छह अक्तूबर तक स्थगित कर दी। हाई कोर्ट द्वारा याचिका पर सुनवाई टाले जाने के कुछ समय बाद सुच्चा सिंह लंगाह अपने समर्थकों समेत गुरदासपुर स्थिज मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की अदालत में पहुंचे और आत्मसमर्पण कर दिया। इसी दौरान गुरदासपुर पुलिस की एक टीम अदालत में पहुंची और अदालत को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए सुच्चा सिंह लंगाह को ज्यादा से ज्यादा समय तक पुलिस रिमांड पर भेजने की मांग रखी। अदालत ने कानूनी प्रक्रिया के बाद सुच्चा सिंह लंगाह को नौ अक्तूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया।

 

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