सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा- शाहजहां ने हमारे नाम कर दिया था ताजमहल, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कागजात दिखाओ
ताजमहल पर दावा ठोंकने वाले उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड से सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित कागजात पेश करने को कहा है, जिस पर मुगल बादशाह शाहजहां के हस्ताक्षर हों और उसमें ताजमहल का मालिकाना वक्फ बोर्ड को सौंपा गया हो। दरअसल सुन्नी वक्फ बोर्ड का दावा है कि शाहजहां ने उसके हवाले ताजहमल किया था। वक्फ बोर्ड भारतीय पुरातत्व विभाग से ताजमहल के स्वामित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
भारतीय पुरातत्व विभाग की 2010 में फाइल अपील की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज पेश करे। जिससे पता चले कि शाहजहां ने मरने से पहले ताजमहल का मालिकाना हक वक्फ बोर्ड को सौंपा था। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा-वक्फ बोर्ड के दावे पर कौन विश्वास करेगा, ऐसी चीजें कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए नहीं होनी चाहिए। वक्फ बोर्ड मुसलमानों से जुड़ी धार्मिक या शैक्षिक संपत्तियों की देखभाल करने वाली संस्था है। 2010 में भारतीय पुरातत्व विभाग ने वक्फ बोर्ड के 2005 के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि ताजमहल का पंजीकरण वक्फ संपत्ति के तौर पर होना चाहिए।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील वीवी गिरि ने कहा कि शाहजहां ने बोर्ड के पक्ष में वक्फनामा बनाया था। जिस पर कोर्ट की बेंच ने कहा-अगर ऐसा सचमुच में है तो शाहजहां के हस्ताक्षर वाला वक्फनामा प्रस्तुत करो। कोर्ट ने वकफ बोर्ड को एक हफ्ते का समय दिया। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने वक्फ बोर्ड से सवाल किया कि कैसे शाहजहां ने जेल में रहते हुए वक्फनामे पर हस्ताक्षर किए। बेटे औरंगजेब ने उत्तराधिकार की लड़ाई में शाहजहां को आगरा के किले में 1658 में बंधक बनाया था, जहां उसकी मौत हो गई थी। भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से पेश अधिवक्ताा एडीएन राव ने ऐसे किसी वक्फनामे की बात को खारिज कर दिया।
बंधक बना लिया था