नीलगिरि हाथी गलियारे में चल रहे अवैध 27 रिजार्ट को सुप्रीम कोर्ट ने दिया 48 घंटे में सील करने का आदेश
नीलगिरि क्षेत्र के हाथी गलियारे में बिना मंजूरी चल रहे रिजार्ट पर कार्रवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार (9/09/2018) तमिलनाडु सरकार को आदेश दिया कि ऐसे 27 प्रतिष्ठानों को 48 घंटे के भीतर सील या बंद किया जाए। न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने नीलगिरि के जिला कलेक्टर द्वारा उसके सामने पेश रिपोर्ट पढ़ी और कहा कि इलाके में रेस्त्राओं के साथ वाले रिजार्ट चल रहे हैं जबकि उनके पास इसकी मंजूरी नहीं है। पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में उल्लेखित 39 रिजार्ट में से 27 प्रतिष्ठानों की तरफ से वकील उपस्थित नहीं हैं। पीठ ने कहा, ‘‘बाकी के 27 रिजार्ट की तरफ से कोई मौजूद नहीं है। माना जाता है कि उन्होंने कलेक्टर की रिपोर्ट स्वीकार कर ली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वे वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को चला रहे हैं जबकि उनके पास इसके लिए मंजूरी नहीं है।
पीठ ने कहा, ‘‘कलेक्टर द्वारा उन्हें बंद करने या सील करने का निर्देश दिया जाता है। हमने राज्य के वकील से 48 घंटों के अंदर जरूरी कदम उठाने को कहा है।’’ शीर्ष अदालत ने बाकी के 12 रिजार्ट को कलेक्टर के सामने रिजार्ट चलाने के लिए जरूरी मंजूरी, वैध मालिकाना हक तथा कब्जा संबंधी सभी दस्तावेज पेश करने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया।
अदालत ने इस मामले में आगे की सुनवाई के लिए 24 अक्तूबर की तारीख तय की। सुनवाई के दौरान, पीठ ने नीलगिरि के हाथी गलियारे पर इस तरह से निर्माण होने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि हाथी हमारी ‘‘राष्ट्रीय धरोहर’’ है। पिछली सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता के वकील ने आरोप लगाया था कि तमिलनाडु के नीलगिरि हाथी गलियारा क्षेत्र में अनेक होटल और रिजार्ट बन गये हैं जिनसे हाथियों के आवागमन में परेशानी होती है।
पीठ ने स्पष्ट किया कि तमिलनाडु के इन क्षेत्रों में किसी प्रकार की निर्माण की गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी। साथ ही पीठ ने नीलगिरि के कलेक्टर को इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कलेक्टर से जानना चाहा था कि उन प्रतिष्ठानों की पहचान किस तरह की जायेगी कि उनका निर्माण कब और कैसे हुआ। वकील का कहना था कि तमिलनाडु में मानसून के मौसम में करीब 18,000 हाथी आये थे और न्यायालय को इन होटल तथा रिजार्ट की बिजली आपूर्ति बंद करने का निर्देश देना चाहिए।
कुछ रिजार्ट और होटल मालिकों ने भी इस संबंध में मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुये शीर्ष अदालत में अपील दायर कर रखी है। शीर्ष अदालत ने दुर्घटनाओं और दूसरे कारणों से हाथियों की मृत्यु की घटनाओं को कम करने के इरादे से पूरे देश में हाथी गलियारा बनाने की आवश्यकता पर बल दिया था।। न्यायालय ने इस संबंध में केन्द्र को व्यावहारिक समाधान पेश करने का निर्देश दिया था। केन्द्र ने न्यायालय को सूचित किया था कि देश के 22 राज्यों में हाथियों के लिये गलियारे हैं परंतु शीर्ष अदालत के निर्देश के बावजूद 13 राज्यों ने इस मामले में सरकार को जवाब नहीं दिया है।