सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को SC/ST कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने की दी इजाजत

लंबे समय से चल रहे प्रमोशन में आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (5 जून) को अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को एससी एसटी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने की इजाजत दे दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि कानून का पालन करते हुए प्रमोशन में अनुसूचित जाति और जनजाति के कर्मचारियों को आरक्षण दिया जा सकता है। अदालत ने कहा है कि जब तक कि संवैधानिक बेंच द्वारा इस मुद्दे का निपटारा नहीं किया जाता, तब तक सरकार प्रमोशन में आरक्षण को लागू कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में केंद्र की तरफ से अतिरिक्त सलिसिटर जनरल (एसएसजी) मनिंदर सिंह ने कहा कि नौकरियों में प्रमोशन देना सरकार की जिम्मेदारी है और अलग-अलग हाइकोर्ट द्वारा इस मामले पर दिए गए फैसलों के चलते प्रमोशन रुक गया है। सरकार ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देने के मुद्दे पर दिल्ली, बंबई और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अलग-अलग फैसले हैं और शीर्ष अदालत ने भी उन फैसलों के खिलाफ दायर अपील पर अलग-अलग आदेश दिये थे। इस पर न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि संवैधानिक बेंच द्वारा अंतिम फैसला आने तक केंद्र प्रमोशन में आरक्षण लागू कर सकती है।

Supreme Court allows the Union Government to provide reservation in promotion for SC/ST employee as per law, till the issue is disposed off by the constitution bench pic.twitter.com/SJn0oz5c9L

— ANI (@ANI) June 5, 2018

सुनवाई के दौरान एएसजी ने सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व में सुनाए गए फैसलों का हवाला दिया और कहा कि एम नागराज मामले में शीर्ष अदालत का 2006 का फैसला लागू होगा। एम नागराज फैसले में कहा गया था कि क्रीमी लेयर की अवधारणा सरकारी नौकरियों में पदोन्नति के लिये अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति पर लागू नहीं होती है। 1992 के इंदिरा साहनी और अन्य बनाम भारत सरकार (मंडल आयोग मामला) और 2005 में ई वी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश सरकार मामले में फैसला अन्य पिछड़ा वर्ग में क्रीमी लेयर से संबंधित था। बता दें कि पिछले साल 23 अगस्त को दिल्ली हाइकोर्ट ने कहा था कि सरकार आंख बंद करके प्रमोशन में आरक्षण नहीं लागू कर सकती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *