सुप्रीम कोर्ट की आधार अनिवार्यता पर गंभीर टिप्पणी: डाटा लीक होने से चुनाव हो सकता है प्रभावित
सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड को अनिवार्य बनाने की सरकार की दलील पर गंभीर टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आधार का डाटा लीक होने से चुनाव के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। सभी सरकारी सेवाओं के लिए आधार को अनिवार्य करने से जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई कर रही है। इससे पहले शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोर्ट को एक बेहतर वजह बताई जाए जिससे आधार को सभी सेवाओं के लिए अनिवार्य बनाने के कदम को अनुमति दे दी जाए। बता दें कि आधार को निजता का उल्लंघन बताते हुए इसे हर सेवा के लिए अनिवार्य करने के सरकार के कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत दाखिल 27 रिट याचिकाओं में आधार की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। आधार को पहली बार सात साल पहले चुनौती दी गई थी। भारत के सभी नागरिकों को आधार कार्ड मुहैया कराने की जिम्मेदारी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को सौंपी गई है। इस परियोजना के तहत करोड़ों भारतीयों के बायोमीट्रिक आंकड़े जुटाए जा चुके हैं।
नरेंद्र मोदी की सरकार ने आधार को कानूनी जामा पहनाया था। हालांकि, सरकार ने छह साल पहले वर्ष 2010 से ही आधार के लिए आंकड़े जुटाने का अभियान शुरू कर दिया थाह। आधार अधिनियम की धारा 59 के तहत वर्ष 2016 के पूर्व इकट्ठा बायोमीट्रिक डाटा को मान्य मानने की व्यवस्था की गई है। सीजेआई जस्टिस दीपक मिश्रा ने 10 अप्रैल को सुनवाई के दौरान आधार एक्ट की धारा 59 पर गंभीर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि इसका प्रारूप सही तरीके से तैयार नहीं किया गया है। हालांकि, केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके. वेणुगोपाल ने इसका पुरजोर बचाव किया था।
लत तीरके से आधार डाटा हासिल करने का मामला सामने आ चुका है। साथ ही इससे जुड़े ब्यौरे के लीक होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में आधार डाटा की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल उठाए गए हैं। जनवरी में मीडिया में महज 500 रुपये में आधार डाटा हासिल करने की रिपोर्ट सामने आई थी। इसके बाद लोगों की चिंताएं काफी बढ़ गई थीं। केंद्र सरकार और यूआईडीएआई ने डाटा की सुरक्षा को लेकर और सख्त कदम उठाने की बात कही थी। वर्चुअल आडेंटिफिकेशन भी इसी का हिस्सा है। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे आधार डाटा की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट में प्रेजेंटेशन भी दे चुके हैं।