आखिरकार कड़वाहट खत्म: सचिन और कांबली में हुई दोस्ती, एक दूसरे को गले भी लगाया

भारतीय क्रिकेट टीम के दो पूर्व खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली ने आखिरकार सालों पुरानी कड़वाहट भूलकर फिर से दोस्ती कर ली है। बचपन से दोस्त रहे दोनों क्रिकेटर्स के बीच कुछ समय पहले गलतफहमियां पैदा हो गई थीं, जिसकी वजह से दोनों के बीच दूरियां आ गई थीं, लेकिन अब दोनों के बीच सब ठीक है। टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) के मुताबिक अब दोनों क्रिकेटर्स फिर से अच्छे दोस्त बन गए हैं। कांबली का कहना है कि अब दोनों के बीच सब कुछ ठीक है और वे इस बात से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाकर सारी कड़वाहट खत्म कर ली है और अब लोगों को बताना चाहते हैं कि हम वापस आ चुके हैं।’ हालांकि कांबली ने ये साफ नहीं किया है कि दोस्ती को फिर से पहले जैसा बनाने के लिए पहला कदम किसने उठाया, लेकिन 45 वर्षीय कांबली का कहना है कि दोनों ने सहमति से सब गलतफहमियां ठीक की हैं और इन सबके लिए वे काफी खुश भी हैं।

पत्रकार राजदीप सरदेसाई की बुक ‘डेमोक्रेसी 11: द ग्रेट इंडियन क्रिकेट स्टोरी’ लॉन्चिंग के कार्यक्रम में सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली दोनों ही पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान की फोटोग्राफर और प्रोड्यूसर अतुल कस्बेकर ने ट्विटर पर एक फोटो पोस्ट की, जिसमें तेंदुलकर और कांबली को देखकर साफ पता चल रहा था कि दोनों महान क्रिकेटर्स एक बार फिर बेस्ट फ्रेंड्स बन गए हैं। अतुल की फोटो पर कांबली ने ट्वीट कर सचिन तेंदुलकर के लिए बेहद ही प्यारा संदेश दिया। उन्होंने लिखा, ‘मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, आई लव यू।’ इससे पहले भी तेंदुलकर की बायोपिक ‘सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स’ के रिलीज के वक्त भी कांबली ने हिंट दिया था कि उनकी और सचिन के बीच अब सब नॉर्मल हो रहा है। उन्होंने अपनी और सचिन की एक फोटो ट्वीट कर कहा था, ‘डियर मास्टर ब्लास्टर, आई लव यू।’

बता दें कि बचपन के दोस्त रहे कांबली और सचिन के बीच गलतफहमियां पैदा होने से दूरियां आ गई थीं। एक समय में कांबली को ये लगने लगा था कि सचिन तेंदुलकर उनका डूबता क्रिकेट करियर बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया था। जुलाई 2009 में अपनी और सचिन की दोस्ती पर बात करते हुए कांबली ने कहा था, ‘हम बहुत अच्छे दोस्त थे। वह थोड़ी कोशिश कर सकते थे, लेकिन उन्होंने नहीं किया।’ कांबली की टिप्पणी से आहत तेंदुलकर ने 2013 में अपने फेयरवेल के दौरान भी कांबली को इनवाइट नहीं किया था, यहां तक कि उन्होंने अपनी फेयरवेल स्पीच में भी कांबली का नाम नहीं लिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *