अफगानिस्तान मे सेना को निशाना बनाने हेतु 4 माह के मासूम के कपड़े में छिपाया बम!
अफगानिस्तान में हमले की साजिश रचने के दौरान एक आतंकी संगठन ने चार महीने के बच्चे को अपना मोहरा बनाया। आतंकियों ने मासूम के कपड़े में विस्फोटक छिपा दिया था। अच्छी बात यह रही कि पुलिस ने वारदात को अंजाम देने से आतंकियों को रोक लिया। पुलिस के अनुसार, घटना की साजिश रचने में तालिबान के चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल था। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बम आतंकियों में शामिल लड़के के पास था। हालांकि, अभी तक आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि वह इस हमले में नवजात को मारना चाहते थे या नहीं। अफगानिस्तान में मानवाधिकार आयोग के उपाध्यक्ष सविता अब्दुल रहिजाई ने इस नाकाम की गई साजिश को बर्बर और क्रूर बताया है। उन्होंने आगे कहा, “बच्चों को इस तरह की घटनाओं में शामिल किया जाना बेहद क्रूर और बर्बर होता है। ये घटनाएं इस्लामिक शरिया और देश के कानून में प्रतिबंधित की गई हैं।”
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि आतंकियों ने किसी नापाक हरकत को अंजाम देने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया हो। बीते साल भी एक सात साल के बच्चे की वीडियो क्लिप सामने आई थी, जो सुसाइड वेस्ट (विस्फोटक से लगी जैकेट) पहने था। कैमरे में देखते हुए एक सैनिक ने बताया कि लड़के को उसके अंकल ने भेजा था और उसे सेना पर हमला बोलने के निर्देश दिए थे।
आपको बता दें कि शनिवार (27 जनवरी) को यहां की राजधानी काबुल में बम धमाका हुआ। मध्य काबुल के सिदारत स्क्वायर के नजदीक इस विस्फोट में तकरीबन 95 लोगों की जान गई। धमाके में इसके अलावा 163 से अधिक लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना को अंजाम देने के लिए बम एंबुलेंस में छिपाया गया था। चश्मदीद मो. मुस्तफा ने बताया कि धमाका जम्हूरियत अस्पताल के सामने दोपहर 12.50 बजे हुआ, जहां कई सरकारी कार्यालय हैं। अचानक इलाके में हमें विस्फोट की आवाज सुनाई पड़ी थी। बाद में पूरा इलाका सील कर दिया गया था।