एचाईवी के इन 6 शुरुआती लक्षणों का ईलाज कम कर सकता है एड्स का खतरा
एचाईवी संक्रमण के एड्स में बदलने से पहले उसका उपचार करना जरूरी होता है। ऐसा करने से एड्स की संभावना को कम किया जा सकता है। समय रहते अगर एचआईवी संक्रमण का पता लग जाए और उसका इलाज कर दिया जाए तो हो सकता है कि नौबत एड्स तक आए ही नहीं। लेकिन इसके लिए एचआईवी के प्रारंभिक लक्षणों को पहचानना जरूरी है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही लक्षणों के बारे में बताने वाले हैं जिनसे आप एचाईवी को शुरुआती चरण में ही पहचान सकते हैं।
बुखार – बुखार एचआईवी के प्राथमिक लक्षणों में से एक है। ऐसे में यह बुखार चार हफ्तों तक बना रह सकता है। इसके अलाना रात में खूब पसीना आने के लक्षण भी दिख सकते हैं। एक शोध में एचआईवी से पीड़ित तकरीबन 62 लोगों में से 77 प्रतिशत लोगों में बुखार के लक्षण दिखाई दिए थे। शरीर में किसी भी तरह का वायरल इंफेक्शन होने पर बुखार होना आम है। ऐसे में बुखार को एचाईवी का शुरुआती लक्षण कहा जा सकता है।
रात में ज्यादा पसीना आना – अगर आप किसी ऐसी गतिविधि में लिप्त हैं जिससे एचआईवी संक्रमण हो सकता है तो अपने शरीर में दिखने वाले लक्षणों पर ध्यान दें। इस दौरान अगर आपको रात में नींद नहीं आती है और खूब पसीना आता है तो यह एचआईवी के संक्रमण का लक्षण हो सकता है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को खूब पसीना आता है। जिससे सोना लगभग असंभव हो जाता है।
गले में खराश – 2002 में हुए एक शोध में यह कहा गया है कि गला खराब होना एचआईवी के शुरुआती लक्षणों में से एक है। यह बुखार से पहले ही दिखाई देना शुरू हो जाता है। ऐसे में मरीज के लिए कुछ भी निगल पाना मुश्किल होता है। खाना, पानी और यहां तक कि अपनी थूक भी निगलने में उन्हें दिक्कत होती है।
थकान – एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति हमेशा थकान महसूस करता है। गहरी और अच्छी नींद लेने के बाद भी वह अपने आप को तरोताजा महसूस नहीं करता। रात में खूब पसीने की वजह से ठीक से सो न पाना भी इसका एक कारण होता है।
उल्टी और मितली – मितली और उल्टी एचआईवी के सामान्य लक्षणों में से एक है। ऐसा तब होता है जब संक्रमण का आप पर हमला होता है। एचआईवी में जब वायरस का संक्रमण होता है तब यह शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है। इस वजह से ऐसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं।