1 अप्रैल से बदलने वाले हैं इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम, जाने कौन-कौन डिडक्शन में किया गया बदलाव
वित्त वर्ष 2017-18 खत्म होने वाला है। 1 फरवरी 2018 को पेश हुए बजट में इनकम टैक्स को लेकर कुछ बदलाव किए गए थे। अब यह बदलाव 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। चलिए जानते हैं कि 1 अप्रैल से क्या बदलने वाला है। सबसे पहले किसी इंडिविजुअल पर लगने वाले टैक्स की बात करें तो अब 40,000 रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा, लेकिन अभी मिल रहे 19,200 रुपए तक के ट्रांसपोर्ट एलाउंस और 15,000 रुपए तक के मेडिकल री-इम्बर्समेंट को खत्म कर दिया जाएगा। वहीं टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं होगा। इस नए स्टैंडर्ड डिडक्शन के लागू होने के बाद सैलरी पाने वालों की टैक्स योग्य आय में से सीधे तौर पर 40,000 रुपए घटा दिए जाएंगे।
शेयर बाजार की बात करें तो इक्विटी या इक्विटी लिंक्ड म्यूचुअल फंड में 1 साल से ज्यादा के निवेश पर होने वाले फायदे पर 10 फीसदी का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा। वहीं टैक्स पर 4 फीसदी सेस भी देना होगा। सरकार ने नेशनल पेंशन सिस्टम में भी बदलाव किया है। अभी मौजूदा नियमों के तहत कहीं नौकरी करने वाले उपभोक्ता एकाउंट की अवधि पूरा होने या उससे बाहर आने का फैसला करने पर जब रकम को निकालते हैं, तो उसमें से 40 फीसदी रकम पर टैक्स नहीं वसूला जाता है। यही छूट गैर-कर्मचारी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है, लेकिन अब वित्त वर्ष 2018-19 से यह लाभ उन्हें भी मिल सकेगा।
सीनियर सिटीजन की बात करें तो चुनिंदा बीमारियों के इलाज पर किए गए खर्च की 1,00,000 रुपए तक की रकम अब करयोग्य आय में से घटाई जाएगी। अब तक अति-वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) को 80,000 रुपए तथा वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) को 60,000 रुपए की छूट थी। वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होने वाली आय में से 50,000 रुपए तक की रकम पर कर में छूट हासिल होगी। पहले यह सीमा 10,000 रुपए थी। इसके अलावा सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के तहत निवेश की सीमा को भी 7.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है, तथा इस योजना को मार्च, 2020 तक विस्तार देने का प्रस्ताव भी दिया है।
वरिष्ठ नागरिक अब 80टीटीए के तहत मिलने वाली छूट का लाभ नहीं उठा सकेंगे। 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों के लिए धारा 80डी के तहत दी जाने वाली छूट की सीमा 25,000 रुपए ही रहेगी। परंतु यदि उनके माता-पिता वरिष्ठ नागरिक हैं, तो वे 50,000 रुपए की अतिरिक्त छूट हासिल कर सकेंगे, जिससे कुल छूट 75,000 रुपए (25,000 + 50,000 रुपए) हो जाएगी, जो मौजूदा समय में सिर्फ 55,000 रुपये है।