सांपों का आइलैंड: इंसानों का जाना है मना, जो गया कभी नहीं लौटा
ब्राजील में इलाहा दा क्यूइमादा आइलैंड सांपों के आइलैंड के नाम से जाना जाना जाता है। खबरों की मानें तो यहां हजारों से भी ज्यादा तादाद में सांप मौजूद हैं। यहां दुनिया के सबसे ज्यादा जहरीले माने जाने वाले सांप पाए जाते हैं जिनके काटने पर इंसान की तुरंत मौत हो जाती है और लाश काली पड़ जाती है। कहा जाता है कि यहां पहले सांपों की इतनी अबादी नहीं थी, आइलैंड के मध्यभाग में कुछ ही सांप पाए जाते थे। उस वक्त इस आलैंड के तट पर लाइट हाउस में ब्राजीलियन परिवार रहता था उनमें से नेवी का एक कर्मचारी ड्यूटी दिया करता था। आइए बताते हैं उस परिवार की कहानी जिनका शिकार सांपों ने बड़ी बेहरमी से किया था।
यह कहानी उस आखिरी केयर टेकर की है जो अपने परिवार के साथ इस आइलैंड के लाइट हाउस के कॉटेज में रहा था। केयर टेकर के साथ उसकी पत्नी और तीन बच्चे रहते थे। ब्राजील नेवी का एक जहाज उनके पास उनकी जरूरत का सामान पहुचाया करता था। उस वक्त सांपों की संख्या कम होने की वजह से ज्यादा डर नहीं था।
यहां ज्यादातर जहरीले गोल्डन पिटवाइपर सांप पाए जाते हैं। एक दिन कुछ जहरीले गोल्डन पिटवाइपर सांप उनके कॉटेज में खिड़की से घुस गए। असल में खिड़की का कांच टूट हुआ था। जहरीले गोल्डन पिटवाइपर सांपों को कॉटेज में देखकर सारा परिवार डर गया और जान बचाने के लिए तट पर बंधी नाव की तरफ भागने लगा लेकिन कोई भी नाव तक नहीं पहुंच पाया। अगले दिन जब नेवी का जहाज वहां सामान देने पहुंचा तो उन्हें पूरे परिवार की लाशें मिली जो काली पड़ चुकी थीं।
इस घटना के बाद लाइट हाउस को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया और ब्राजीलियन सरकार ने इस आइलैंड पर इंसानों के जाने प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद भी बहुत से लोग चोरी-छिपे इस आइलैंड पर गए लेकिन कभी वापस लौटकर नहीं आए।
इस आइलैंड को प्रवासी पक्षियों की आरामगाह भी कहा जाता है इसलिए बहुत से पक्षी यहां आते हैं लेकिन सांपों का खाना बन जाते हैं। इस आइलैंड पर पक्षियों को सांपों की बढ़ती आबादी का जिम्मेदार भी माना जाता है। कहा जाता है कि 4,30,000 वर्ग मीटर में फैले इस आइलैंड पर करीब 20,00,000 जहरीले गोल्डन पिटवाइपर सांप हैं।