भारत के इस टेस्ट विकेटकीपर को पेट पालने के लिए मांगनी पड़ी थी भीख
बीते जमाने के फिल्मी सितारों की गुरबतों के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे लेकिन आज हम आपको एक ऐसे क्रिकेट खिलाड़ी के बारे में बताएंगे जो रिटायर होने के बाद पाई-पाई को मोहताज हो गया। आज की पीढ़ी जनार्दन नवले को नहीं जानती। लेकिन नवले की मार्मिक कहानी से आप का दिल आज भी भर जाएगा। जनार्दन नवले 1932 में इंग्लैण्ड के दौरे पर जाने वाली भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के सदस्य थे। जनार्दन नवले विकेटकीपर के तौर पर भारतीय टीम में खेलते थे। उन्होंने भारत के लिए दो टेस्ट मैच खेले थे जिनमें क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के मौदान पर खेला गया टेस्ट भी शामिल था। क्रिकेटकंट्री की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय टीम से अलग होने के बाद नवले की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गयी थी। कुछ लोग कहते हैं कि उन्होंने अपने अंतिम दिन मुंबई-पुणे हाईवे पर भीख मांगकर गुजारे थे। वहीं कुछ अन्य लोगों के अनुसार नावले ने पुणे की एक चीनी मिल में चौकीदारी करते हुए दिन काटे।
नवले का जन्म सात दिसंबर 1902 को महाराष्ट्र के फूलगांव में हुआ था। वो भारतीय टीम में अपना पहला मैच 25 जून 1932 को इंग्लैण्ड के खिलाफ लॉर्ड्स पर खेले थे। मैच की दोनों पारियों में उन्होंने विकेटकीपिंग करे अलावा दोनों परियो में सलामी बल्लेबाज भी रहे थे। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच भी इंग्लैण्ड के खिलाफ ही 15 दिसंबर 1933 को खेला था। महज दो टेस्ट खेलने वाले नवले ने कुल 42 रन बनाए थे। उनका बल्लेबाजी औसत 13 रन प्रति मैच रहा। उनका अधिकतम स्कोर 13 रन रहा। दो टेस्ट मैचों में उन्होंने एक स्टंपिंग की। नवले ने 65 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे। प्रथम श्रेणी में उन्होंने 19.18 के औसत से 1976 रन बनाए थे। प्रथम श्रेणी में नवले ने नौ अर्धशतक बनाए थे। प्रथम श्रेणी में उनका अधिकतम स्कोर 96 रहा था। नवले की तारीफ करते हुए मशहूर पत्रिका विज़्डन ने लिखा था, “पहले दर्जे के विकेटकीपर, जो भी करते हैं उसमें बहुत फुर्तीले हैं।” नवले का 76 वर्ष की उम्र में सात सितंबर को 1979 को पुणे में निधन हो गया।