पहली बार श्रद्धालुओं के लिए 6 दिनों तक बंद रहेगा तिरुपति का भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर, नही हो सकेंगे दर्शन

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने एक अहम फैसले में इतिहास में पहली बार तिरुपति मंदिर को पूर्ण रूप से बंद करने का फैसला लिया है। वैश्विक आस्था और श्रद्धा का केन्द्र रहे भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर 11 अगस्त से 16 अगस्त तक बंद रहेगा। इस बारे में तिरुमाला में 14 जुलाई को जानकारी देते हुए टीटीडी बोर्ड के चेयरमैन पुट्टा सुधाकर यादव ने कहा कि मंदिर को बंद रखने के दौरान यहां एक विशिष्ट अनुष्ठान किया जाएगा। इस प्राचीन मंदिर के गर्भ गृह के ढांचे में मामूली बदलाव के लिए ‘ अष्टबंधना बालल्या महासमप्रोक्षणम् ’ धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है। पुट्टा सुधाकर यादव ने बतााय कि टीटीडी बोर्ड ने इस दौरान श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं देने का फैसला किया है। भगवान वेंकेटेश्वर मंदिर परिसर में हर 12 साल में एक विशेष पूजा – अर्चना होती है।

मंदिर प्रबंधन समिति ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान की शुरुआत अनकुरारपनम कार्यक्रम के साथ 11 अगस्त से होगी। उन्होंने कहा, “इस अनुष्ठान को वैदिक महत्व हासिल है, इसलिए श्रद्धालुओं को मंदिर देखने का वक्त बहुत कम मिलेगा, हमारा पुराना इतिहास बताता है कि अगस्त के दूसरे सप्ताह में लगभग साढ़े पांच लाख लोगों ने मंदिर के दर्शन किये, इसे ध्यान में रखते हुए हमने दर्शन को बंद करने का फैसला किया है ताकि श्रद्धालुओं और दर्शन करनेवालों को दिक्कत नहीं हो।”

मैनेजमेंट ने दुनिया भर में मौजूद भगवान वेंकटेश्वर के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने यात्रा की तैयारी इसी तरह करें। इस बीच भगवान वेंकटेश्वर पर श्रद्धालुओं का चढ़ावा जारी है। भारतीय मूल के दो अमेरिकी नागरिकों ने शनिवार को यहां भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में 13.5 करोड़ रुपये दान किए। आंध्र प्रदेश के रहने वाले इका रवि और गुठीकोंडा श्रीनिवास ने मंदिर की ‘हुंडी’ और मंदिर प्रशासन द्वारा संचालित विभिन्न ट्रस्टों में ये धनराशि दान किए। बोस्टन में एक दवा कंपनी आरएक्स एडवांस के संस्थापक सीईओ रवि ने ‘हुंडी’ में 10 करोड़ रुपये दान किए, जबकि फ्लोरिडा स्थित सॉफ्टवेयर बनाने और परामर्श देने वाली कंपनी, जेसीजी टेक्नोलॉजीज के सीईओ श्रीनिवास ने ट्रस्टों को साढ़े तीन करोड़ रुपये दान किए।

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