हैदराबाद के गांधी अस्पताल में ताड़ी पीकर झूम रहे मरीजों से हुआ चल रहे तस्करी रैकेट का खुलासा
हैदराबाद के गांधी अस्पताल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल अस्पताल परिसर में देशी शराब ताड़ी की तस्करी की जा रही थी और कई लोगों ने बाकायदा अस्पताल के वार्डों में चोरी-छिपे ताड़ी सप्लाई करना भी शुरु कर दिया था। इस मामले का खुलासा हाल ही में तब हुआ, जब एक मोबाइल चोर को पकड़ने के लिए अस्पताल प्रशासन सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहा था, तभी अधिकारियों ने देखा कि किस तरह से अस्पताल के अंदर ताड़ी की सप्लाई की जा रही है। फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने तुरंत इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और आरोपियों की तलाश शुरु कर दी है।
जांच में खुलासा हुआ है कि अस्पताल परिसर और वार्डों में ताड़ी और देशी शराब की सप्लाई का गोरखधंधा काफी दिनों से चल रहा था। सप्लाई की जा रही ताड़ी या देशी शराब जहां मरीजों के तीमारदारों द्वारा इस्तेमाल की जा रही थी, वहीं कई मरीज भी ताड़ी पीते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, बीते एक सप्ताह के दौरान अस्पताल प्रशासन ने करीब 50 तीमारदारों को ताड़ी पीते हुए रंगे हाथ पकड़ा है और करीब 10-12 ताड़ी की बोतलें हर दिन सीज की हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान गांधी अस्पताल के सुपरिटेंडेंट डॉ. पी. सरवन कुमार ने कहा कि हम उन तीमारदारों को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो अस्पताल में चुपचाप ताड़ी सप्लाई करते हैं।
डॉ. कुमार के अनुसार, ताड़ी या देशी शराब की बोतलें तीमारदारों द्वारा बड़ी ही चालाकी से थैलों या अपने कपड़ों में छिपा ली जाती है। इसके बाद इन बोतलों को बड़ी ही सावधानी से आधी रात को खोलते हैं और मरीजों के साथ बैठकर ताड़ी पी जाती है। इस मामले में एक चौंकाने वाले खुलासा भी हुआ है। दरअसल कई मरीजों और तीमारदारों का ऐसा मानना है कि ताड़ी की मदद से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं, यही वजह है कि वह दवाईयों के साथ ही ताड़ी भी पीते हैं। जांच में यह बात सामने आयी है कि अस्पताल के वार्डों में रात के समय कम सुरक्षा होने के चलते लोग आसानी से ताड़ी या शराब की तस्करी कर पाते हैं। गांधी अस्पताल के एक जूनियर डॉक्टर का कहना है कि अंधविश्वास लोगों में गहरे तक समाया हुआ है और लोग ऐसा मानते हैं कि ताड़ी पीने से वह जल्दी ठीक हो जाएंगे। यही वजह है कि अस्पताल में ताड़ी और देशी शराब की तस्करी सिर्फ पैसों के लिए ही नहीं की जा रही है।