मक्का से बने वैकल्पिक फ्यूल ईंधन से चले ऑटो मे नितिन गडकरी और नीतीश कुमार ने की सवारी
आने वाले दिनों में देशवासियों को वाहन चलाने के लिए पेट्रोल और डीजल का सस्ता विकल्प मिल सकता है। राजधानी दिल्ली में बुधवार (31 जनवरी) को बायो फ्यूल (जैव ईंधन) का परीक्षण किया गया। परीक्षण में इस्तेमाल किए गया बायो फ्यूल मक्का से बना था और इसे एथेनॉल कहा जाता है। केंद्रीय जल संसाधन एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एथेनॉल से चलने वाले ऑटो में सवारी की। नितिन गडकरी और नीतीश कुमार की ऑटो की सवारी एथेनॉल से चलने के वाले वाहन के ट्रायल का हिस्सा थी। यह ट्रॉयल नितिन गडकरी के आवासीय परिसर में किया गया। नीतीश कुमार इस ट्रायल के लिए बिहार से दिल्ली पहुंचे थे। नीतीश कुमार के साथ बिहार के जल संसाधन एवं योजना मंत्री ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और कई अधिकारी भी पहुंचे थे। इस दौरान सबसे पहले नितिन गडकरी और नीतीश कुमार के बीच सड़क परियोजनाओं को लेकर बैठक हुई, उसके बाद एथेनॉल से बाइक और ऑटो रिक्शा चलाकर परीक्षण किया गया।
इस दौरान मौके पर मौजूद नेताओं के सामने ही वाहन में एथेनॉल डाला गया था। कुछ देर तक दोनों नेताओं ने ऑटो की सवारी का लुत्फ लिया। नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में सबसे ज्यादा बाइक की बिक्री होती है। इस ईंधन से बाइक वालों को फायदा पहुंचेगा क्योंकि यह पेट्रोल या डीजल के मुकाबले सस्ता होता है और इससे प्रदूषण भी नहीं होता है। नीतीश कुमार ने बताया कि उन्हें एथेनॉल वाला यह प्रोजेक्ट पसंद आया। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि एथेनॉल या बिजली से चलने वाली गाड़ियों से प्रदूषण नहीं होता है। उन्होंने कहा कि एथेनॉल सस्सा होने के साथ जीरो एमिशन (शून्य उत्सर्जन – वाहनों के चलने के दौरान बिल्कुल भी प्रदूर्षण न होना) वाला ईंधन है। उन्होंने कहा कि एथेनॉल को मक्का से बनाया जाता है और बिहार में मक्का की खेती खूब होती है।
पिछले दिनों नितिन गडकरी ने कहा था कि दुपहिया वाहन बनाने वाली कंपनियां जल्द ही दो तरह के ईंधन से चलने वाली बाइक लाने वाली हैं। नितिन गडकरी ने कहा था कि दो तरह के ईधन से चलने वाली बाइक को फ्लेक्स इंजन बाइक कहते हैं और यह पेट्रोल के अलावा एथेनॉल से भी चलाई जा सकती हैं। नितिन गडकरी ने यह भी बताया था कि एथेनॉल मक्का के अलावा गेहूं, झान और बांस की पराली से भी तैयार किया जा सकता है।