Tulsidas Jayanti: आज है तुलसीदास जयंती, जानिए रामचरितमानस के रचयिता की कुछ खास बातें

आज यानी 17 अगस्त दिन शुक्रवार को तुलसीदास जयंती है। तुलसीदास जी ने रामचरितमानस की रचना की थी। उनकी जयंती के अवसर पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बता रहे हैं। संत तुलसीदास का जन्म संवत 1956 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन अभुक्तमूल नक्षत्र में हुआ था। उनके पिता का नाम आतमा रामदुबे व माता का नाम हुलसी था। ऐसा कहा जाता है कि जन्म के समय तुलसीदास रोए नहीं थे। बल्कि उनके मुंह से राम शब्द निकला था। इसके साथ ही उनके मुख में जन्म से ही 32 दांत थे। ऐसे बालक को देखकर उनके माता-पिता काफी परेशान हुए। माता हुलसी अपने बालक को अनिष्ट की आशंका से दासी के साथ ससुराल भेज आईं। इसके कुछ समय बाद उनका देहांत हो गया।

तुलसीदास जी की पांच वर्ष की अवस्था तक दासी ने ही पालन-पोषण किया। कुछ समय बाद वह भी चल बसीं। इस समय तुलसी जी अनाथ हो गए थे। इसके बाद संतश्री नरहयान्नद जी ने इनका पालन-पोषण किया। उन्होंने बालक का नाम रामबोला रखा और अयोध्या आकर उनकी शिक्षा-दीक्षा कराई। कहा जाता है कि बालक रामबोला बचपन से ही बुद्धिमान थे। गुरुकुल में उनको हर पाठ बड़ी आसानी से याद हो जाता था। यहां से बालक रामबोला काशी चले गए। उन्होंने काशी में 15 वर्ष तक वेद-वेदांग का अध्ययन किया।

कहते हैं कि विवाह के पश्चात पत्नी के धिक्कारने के बाद वे प्रयाग वापस आ गए और गृहस्थ जीवन का त्याग कर दिया। इसके बाद साधु वेश धारण कर लिया। काशी के बाद वे चित्रकूट चले गए। बताते हैं कि संवत 1628 में शिव जी उनके स्वप्न में आए। और उन्हें आदेश दिया कि तुम अपनी भाषा में काव्य रचना करो। तुलसी उनकी आज्ञा मानकर अयोध्या आ गए। संवत 1631 में तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना शुरू की और दो वर्ष सात महीने 26 दिन में ग्रंथ की रचना पूरी हो गई। तुलसीदास जी ने अस्सीघाट पर विनयपत्रिका की रचना भी की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *