ताजमहल को धब्बा बताने पर सोशल मीडिया ने भाजपा विधायक संगीत सोम को लगाई लताड़

उत्तर प्रदेश के सरधना से भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम ने ताज महल को लेकर विवादित बयान दिया है। दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताज को उन्होंने भारतीय संस्कृति पर धब्बा बताया है। रविवार को उन्होंने कहा कि ताज महल बनाने वाले ने उत्तर प्रदेश और हिंदुस्तान से सभी हिंदुओं का सर्वनाश करने का काम किया था। ऐसों का नाम अगर इतिहास में होगा तो वह बदला जाएगा। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने बीते दिनों ऐतिहासिक धरोहरों और स्थलों की एक सूची जारी की थी, जिसमें आगरा के ताज महल का नाम नहीं था। बाद में सरकार की तरफ से उस पर सफाई दी गई थी कि वह गलती से उस सूची में शामिल किए जाने से रह गया था। राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया पर योगी सरकार की इस बाबत खूब आलोचना हुई थी।

अब संगीत सोम ने ताजमहल के लिए जिस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है उसे लेकर भी सोशल मीडिया में उनकी जमकर खिंचाई हो रही है। देखिए, ताजमहल पर विवादित बयान देने के लिए किस तरह से संगीत सोम को ट्विटर यूजर्स ने निशाने पर लिया-

A former Director of a “Halaal Meat Export Firm” is spreading venom against “Halaal Meat Eaters”, by using the name of Iconic Taj Mahal.

 

‘Taj Mahal a blot, built by traitors,’ says BJP lawmaker Sangeet Som.
He must be against marbles, having lost his.

 

The Taj Mahal is how the world popularly noticed India. Not sure abt culture, but your thinking is definitely a blot on the office you hold.

 

Apart from the hardcore Hindutva few I doubt even most Modi voters have a problem with the Taj Mahal. It’s a national symbol of pride now.

 

The blot on our culture is this plot that is unfolding.

Taj Mahal is such a non issue but politicians will continue to try and divide this country aur yaha twitter pe hum RW LW khelte rahe hai

Taj Mahal is built by someone who exploited the country…
But can the RSS tell us one thing that they’ve built which could help tourism?

When you dig up issues like Taj Mahal & litigate/relitigate them, it just proves the viral meme – Vikas has gone ‘crazy’!

गौरतलब है कि इस साल सबसे पहले योगी आदित्यनाथ ने ही ताज महल को भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि ताजमहल एक इमारत के सिवा कुछ नहीं है। बिहार के दरभंगा में 15 जून को एक जनसभा में उन्होंने कहा था कि देश में आने वाले विदेशी गणमान्य व्यक्ति ताजमहल और अन्य मीनारों की प्रतिकृतियां भेंट करते थे जो भारतीय संस्कृति को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं। लेकिन अब यानी मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से विदेशी गणमान्य जब भारत आते हैं तो वो भगवद गीता और रामायण की प्रति भेंट करते हैं।

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