छत्तीसगढ़ में दो महिला साध्वियों के साथ गैंगरेप की घटना वारदात के तीन महीने बाद पुलिस द्वारा केस दर्ज

मीडीया रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दो महिला साध्वियों के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है. इतना ही नहीं पुलिस ने भी रेप पीड़िता साध्वियों को परेशान किया और कभी थाना क्षेत्र का हवाला देकर तो कभी बिना किसी कारण बताए, FIR दर्ज करने में आनाकानी करते रहे. आखिरकार पीड़िताओं ने चिट्ठी लिखकर मुख्यमंत्री रमन सिंह से इंसाफ की गुहार लगाई.

मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद अब रेप की वारदात के साढ़े तीन महीने बाद जाकर पुलिस ने रेप केस दर्ज किया है. पुलिस ने FIR में आठ आरोपियों को नामजद किया है, जिनमें से सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया जा सका है. शेष आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.

इतना ही नहीं पीड़िताओं ने बताया कि दिलचंद नाम के आरोपी को दरअसल उन्हें जान से मारने के लिए 2 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी. लेकिन दिलचंद ने उन्हें जान से मारने की बजाय अपने साथियों के साथ मिलकर गैंगरेप किया और उन्हें इलाका छोड़कर जाने की हिदायत दी.

पीड़िता साध्वियों को अब आश्रम में सुरक्षित जगह भेज दिया गया है. पुलिस को शक है कि किसी पुरानी रंजिश में साध्वियों के साथ रेप की वारदात को अंजाम दिया गया और उन्हें जान से मारने की सुपारी दी गई.

पुलिस ने बताया कि घटना बिलासपुर जिले के पेंड्रा इलाके में स्थित सोननदी के पास की बताई जा रही है. दोनों पीड़ित साध्वी चापा जांजगीर जिले एक आश्रम की बताई जा रही हैं.

पीड़िता साध्वियों ने बताया कि करीब साढ़े तीन महीने पहले दोनों साउथ बिहार एक्सप्रेस से चांपा स्टेशन उतरीं. ट्रेन से उतरने के बाद वे स्टेशन के बाहर आश्रम जाने के लिए वाहन का इंतजार कर रही थीं. तभी वहां महुआडीह का रहने वाला एक परिचित युवक दिलचंद पटेल पंहुचा और उसने साध्वियों को आश्रम छोड़ने की बात कही.

पीड़िता साध्वियों ने बताया कि आश्रम जाते हुए बीच में दिलचंद के अनुरोध पर वे किसी की जन्मदिन की पार्टी में भी शरीक हुईं. जन्मदिन की पार्टी खत्म होने के बाद दिलचंद अपने साथियों के साथ साध्वियों को आश्रम छोड़ने निकला.

लेकिन थोड़ी ही दूर जाने के बाद दिलचंद ने गाड़ी आश्रम की ओर ले जाने की बजाय जंगलों की ओर मोड़ दी. साध्वियों ने जब विरोध किया तो दिलचंद ने उनके सिर पर बंदूक रख दी. दिलचंद साध्वियों को लेकर पेंड्रा इलाके में सोन नदी के किनारे पहुंचा.

पीछे-पीछे एक और वाहन से दिलचंद के कुछ और साथी वहां आ पहुंचे. वहां बंदूक की नोक पर एक-एक कर सभी ने दोनों साध्वियों के साथ रेप किया. रेप के बाद दिलचंद और एक अन्य आरोपी कल्पनाथ चौधरी के बीच होने वाली बातचीत से साध्वियों को पता चला कि उन्हें जान से मारने की सुपारी दी गई थी.

दिलचंद ने हालांकि उन्हें जान से नहीं मारा और हिदायत दी कि वे छत्तीसगढ़ छोड़कर चली जाएं. इसके बाद किसी जान बचाकर वहां से भाग गईं और किसी तरह दोनों ने जंगल में रात बिताने के बाद सुबह आश्रम पहुंचीं. उन्होंने आश्रम में मौजूद अपने करीबियों को पूरी आपबीती सुनाई. फिर पुलिस में शिकायत दर्ज करने का फैसला लिया.

फ़िलहाल मामला दर्ज होने बाद आरोपियों की धरपकड़ में पुलिस जुट गई है. साध्वियों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने महुआडीह निवासी दिलचंद पटेल, उत्तर प्रदेश निवासी कल्पनाथ चौधरी, गिरजाशंकर चौधरी, श्यामानंद चौधरी उर्फ तपस्यानंद समेत अन्य चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है.

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