‘पद्मावती’ विवाद में कूदीं बीजेपी मंत्री उमा भारती, बोलीं- मैं इस मामले में शांत नहीं बैठ सकती
रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुसीबतें खत्महोती नहीं दिख रही हैं। शूटिंग के समय से ही हिंसा झेल रही इस फिल्म के विवाद में अब केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी कूद पड़ी हैं। उमा भारती ने फिल्म को लेकर उठ रहे विरोध के स्वरों को देखते हुए कहा है कि वो इस मामले में किसी भी तरह से तटस्थ नहीं रह सकती हैं। दरअसल फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की बात को लेकर श्रीराजपूत करणी सेना सहित कई संगठन इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि फिल्म में महारानी पद्मिनी को अलाउद्दीन की प्रेमिका के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है तो वहीं चित्तौड़गढ के इतिहास को लेकर लिखी गई किताबों और किवदंतियों में इस बात कही उल्लेख नहीं है कि महारानी पद्मिनी कभी अलाउद्दीन खिलजी से मिली हो। इसी मुद्दे पर उमा भारती ने ट्वीट करते हुए अपनी बात सामने रखी है। उमा भारती ने लिखा- रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नही रह सकती। मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी के अस्मिता से जोड़ा जाए।
उमा भारती ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि क्यों न रिलीज़ से पहले इतिहासकार, फ़िल्मकार और आपत्ति करने वाला समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाये और वो इसपर फैसला करे।